मां रेवा की गोद में परिवार के साथ मौज अमरकंटक जो बिलासपुर से लगभग 100 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां कई पर्यटन स्थल जैसे कपिलधारा, दुध धारा, अमरेश्वर महादेव मंदिर, कल्चुरी कालीन मंदिर और भी अन्य कई दर्शनीय एवं पर्यटन स्थल देखने को मिल जाएंगे। खुद के वाहन से जाना उपयुक्त है। (cg tourism place) इसके अलावा पब्लिक ट्रांसपोर्ट जैसे बस और ट्रेन से भी यहां पहुंचा जा सकता है।
क्रोकोडाइल पार्क बिलासपुर से तकरीबन 32 किलोमीटर दूर ग्राम कोटमीसोनार में स्थित क्रोकोडाइल पार्क जो मगरमच्छों के संरक्षण के उद्देश्य से बनाया गया हैं। यह जाने के लिए खुद के वाहन की जरुरत पड़ेगी। यहां साइंस पार्क, ऑडिटोरियम, एनर्जी पार्क आदि बनाया गया है।
पुरातत्व में रुचि रखते हैं तो पहुंच जाएं मल्हार बिलासपुर से 40 किमी की दूरी पर स्थित, मल्हार कभी छत्तीसगढ़ की राजधानी हुआ करता था। यह स्थान अब अपने पुरातात्विक स्थलों के लिए प्रसिद्ध है। (cg travelling news) पातालेश्वर मंदिर, देवरी मंदिर और डिंडेश्वरी मंदिर यहां के सबसे प्रमुख मंदिरों में से है।
कोरी बांध है फैमिली पिकनिक के लिए उपयुक्त कोरी बांध को घोंघा बांध के नाम से भी जाना जाता है, बिलासपुर से 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। यहां जाने के लिए खुद के वाहन की जरुरत है। यहां से सूर्यास्त का दृश्य काफी मनमोहक एवं आकर्षक दिखता है।
नेचर लवर के लिए है बोइर पड़ाव/खोंद्रा… बोइर पड़ाव जिसे खोंद्रा के नाम से भी जाना जाता है, यह बिलासपुर जिले से लगभग 35 किमी की दूरी पर स्थित है। खुद के वाहन से यहां पहुंच कर घने जंगल के बीच खूबसूरत जलप्रपात का आनंद उठा सकते हैं।
मां के दर्शन बाद खूंटाघाट बिलासपुर जिले से लगभग 25 किमी की दूरी पर रतनपुर में मां महामाया का धाम है। नए साल की शुरुआत के लिए माता का आशीर्वाद लेना एक बेहतर विकल्प है। (bilaspur tourism) यहां से 6 किमी की दूरी पर स्थित खूंटाघाट जो की छत्तीसगढ़ के प्रमुख बांध की श्रेणी में आता है। न्यू ईयर पर यहां खासी रौनक रहती है। यहां जाने के लिए सिटी बस भी उपलब्ध है।