राज्य सरकार ने इन तीन ग्राम पंचायतों को मिलाकर मरवाही नगर पंचायत का गठन किया और राजपत्र में अधिसूचना जारी कर भाजपा नेता किशन ठाकुर को नगर पंचायत का अध्यक्ष नियुक्त कर दिया। साथ ही आठ अन्य सदस्यों को भी नगर पंचायत परिषद में मनोनीत कर दिया। लेकिन तीनों ग्राम पंचायतों के सरपंचों को इस प्रक्रिया से बाहर रखा गया।
इस फैसले के खिलाफ मरवाही ग्राम पंचायत की तत्कालीन सरपंच प्रियदर्शिनी नहरेल ने
हाईकोर्ट में याचिका दायर की। याचिका में (Bilaspur High Court) नगरीय प्रशासन सचिव, कलेक्टर, नवनियुक्त अध्यक्ष और आठ पार्षदों सहित कुल 11 लोगों को पक्षकार बनाया गया था।
सिंगल बेंच ने इस मामले की सुनवाई 16 जुलाई को पूरी कर ली थी। गुरुवार को जारी आदेश में
कोर्ट ने कहा कि समिति गठन की प्रकिया में त्रुटि हुई है, जिसके चलते 27 जून को जारी अधिसूचना को रद्द किया जाता है। साथ ही कोर्ट ने निर्देश दिया कि नई परिषद का गठन एक महीने के भीतर किया जाए। जब तक नई समिति का गठन नहीं होता, तब तक वर्तमान समिति कार्य करती रहेगी।
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