रिटायर फौजी की अपने ही रेस्टोरेंट में मौत, खाना बनाने को लेकर हुआ था विवाद, जानें पूरा मामला
चाचा ने की थी रैकी
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि आरोपी मनोज पीड़ित ट्रांसपोर्टर का चाचा है। वारदात को रतनसिंह, पंकज नायक, मंजूर उर्फ किशन एवं जेठूसिंह ने अंजाम दिया था। आरोपी चाचा मनोज ने पीड़ित के घर की रैकी की। मनोज की अपने भतीजे से पारिवारिक रंजिश चल रही है, जिसके चलते उसने चाचा से बदला लेने के लिए षड्यंत्र रचा।
जिन्होंने दी शरण, उन पर भी कसेंगे शिकंजा
आरोपी वारदात को अंजाम देने के बाद कार पर फर्जी नंबर प्लेट लगाकर पांचू थाना क्षेत्र के साईंसर गांव निवासी झब्बरसिंह पुत्र ईश्वरसिंह के घर पहुंचे। यहां दो दिन ठहरने के बाद ओसियां के बूंगडी गांव निवासी अशोक सिंह से रुपए लेकर ओसियां गए।
यहां फिर कार पर फर्जी नंबर प्लेट लगाकर जोधपुर, पाली सिरोही होते हुए आबू रोड गए। आबू रोड में कैलाश गेस्ट हाउस में आबू रोड निवासी किशोरसिंह उर्फ मामू के सहयोग से रुके। पुलिस अधीक्षक ने दावा किया कि उक्त आरोपी नई वारदात को अंजाम देने की योजना बना रहे थे। इससे पहले ही बीकानेर पुलिस ने उन्हें दबोच लिया। आरोपियों का सहयोग खारड़ा निवासी सुशील, पांचू थाना क्षेत्र के साईसर निवासी झब्बरसिंह उर्फ ईवरसिंह एवं जोधपुर के बूंगड़ी निवासी अशोकसिंह ने किया। इन लोगों पर भी कानूनी शिकंजा कसा जाएगा।
राजस्थान में यहां शाम होते ही घरों पर बरसने लगते है पत्थर… सामने आया चौंकाने वाला मामला
यह है मामला
खारड़ा हालपता जेएनवीसी थाना क्षेत्र निवासी झमकू देवी पत्नी लक्ष्मीनारायण ब्राह्मण ने 17 जुलाई को जेएनवीसी थाने में 80 लाख रुपए की फिरौती मांगने का मामला दर्ज कराया था।
कथा था कि शाम को तीन युवक जबरन घर में घुसे। डराया और मोबाइल पर किसी रोहित गोदारा से बात कराई, जिसने 80 लाख रुपए की फिरौती मांगी। फिरौती की रकम दो दिन में नहीं देने पर परिवार को जान से मारने की धमकी दी।
यह थी टीम
जेएनवीसी थाने के तत्कालीन थानाधिकारी महावीर प्रसाद, उपनिरीक्षक सुषमा, मुकेश कुमार, हवलदार विजय सिंह,साइबर सैल के हवलदार दीपक यादव, रोहिताश भारी, वासुदेव, अब्दुल सत्तार, महावीर, कानदान, दिलीपसिंह, सवाईसिंह, सिपाही देवेन्द्र, सूर्यप्रकाश, लखविन्द्र, धर्मेन्द्र यादव, पुखराज, श्रीराम पूनम आदि शामिल थे।