जयप्रकाश गहलोत पुलिस में इस बार निरीक्षकों का ऐसा अकाल पड़ा है कि 55 प्रतिशत थाने उपनिरीक्षकों के हवाले करने पड़े हैं। राज्य सरकार की तीन साल पहले बजट में की गई घोषणा के बावजूद थानों में निरीक्षकों (सीआइ) की तैनाती नहीं हो पाई है।
इसका बड़ा कारण प्रदेश में थानों के मुकाबले सीआइ की संख्या में कमी है। राजस्थान के 1014 थानों में से 55 फीसदी से अधिक में कमान एसआइ के हाथों में है। अकेले बीकानेर जिले में 32 थानों में से 13 में ही निरीक्षक लगे हैं।
साइबर मामलों में बंध जाते हैं हाथ
बीकानेर शहर की बात करें। यहां 9 थाने हैं। सभी में प्रभारी इंस्पेक्टर होना चाहिए, लेकिन कोतवाली, नयाशहर थानों की कमान एसआइ के पास है। ऐसे में ज्यादा असर साइबर क्राइम के मामलों में पड़ता है। नियमानुसार आइटी एक्ट मामलों की जांच इंस्पेक्टर ही कर सकते हैं। जिले में वर्ष 2024 में 7836 केस साइबर क्राइम के थे।
पुलिस निरीक्षकों के अभाव में थानों की कमान उप निरीक्षकों को सौंपी गई है। अब तबादलों के बाद सीआइ आने पर उन्हें थानों में तैनात किया जाएगा।