इस योजना के अंतर्गत सोलर पार्क के लिए ग्रिड सब स्टेशन के पांच किलोमीटर के दायरे में खाली जमीन पर 500 किलोवॉट से 2 मेगावॉट तक के सोलर प्लांट लगेंगे। इसके लिए न्यूनतम एक हेक्टेयर जमीन की आवश्यकता होगी। डिस्कॉम के ग्रिड सब स्टेशन के आसपास में किसानों के खाली खेतों पर सोलर प्लांट लगाकर किसानों को किराए के तौर पर सोलर प्लांट से बिजली का 10 से 30 पैसे प्रति यूनिट तक भुगतान किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट में किसान को एक हेक्टेयर जमीन के करीब एक से डेढ़ लाख रुपए मिल सकेंगे। इस प्रोजेक्ट के बाद बिजली कंपनियों को प्रसारण व वितरण सिस्टम पर करोड़ों रुपए खर्च करने की जरूरत नहीं होगी। वहीं डिस्कॉम को प्रसारण शुल्क व छीजत से भी राहत मिलेगी। इस प्लांट से बनने वाली बिजली को 25 साल तक डिस्कॉम खरीदेंगे। इसके लिए विद्युत निगम ने पोर्टल शुरू किया है।
तीन विकल्प रखे
इस पॉलिसी में सोलर प्लांट लगाने के तीन विकल्प रखे गए हैं। पहले विकल्प में किसान खुद या किसानों का समूह अपनी जमीन पर सोलर प्लांट विकसित कर सकता है। दूसरे विकल्प में किसान अपनी जमीन पर किसी डवलपर के जरिए सोलर प्लांट लगाने के लिए जमीन किराया पर दे सकता है। वहीं तीसरे विकल्प के तौर पर किसान डिस्कॉम की ओर से तय डवलपर को सोलर प्लांट लगाने के लिए जमीन दे सकता है।
संबधित किसान को भूमि पट्टा अनुबंध के निष्पादन और सोलर पीवी पावर प्लांट के चालू होने के बाद, संबंधित डिस्कॉम सीधे भूमि मालिक भूमि किराए का भुगतान देय होगा। संबधित किसान आवश्यक दस्तावेज अपलोड कर केवल पोर्टल पर पंजीकृत भूमि पार्सल ही डेवलपर के साथ भूमि पट्टा समझौते को निष्पादित करना होगा। गौरतलब है कि छतरगढ़़ क्षेत्र में बगराला गांव के पास सौर ऊर्जा प्लांट लगाने का कार्य पिछले एक साल से चल रहा है। वहीं मोतीगढ़ में सौर ऊर्जा प्लांट लगाने के लिए विभिन्न कम्पनियां ने स्तर पर सर्वे कर रही है। जल्द ही एक सौर ऊर्जा प्लांट स्थापित होने जा रहा है।
किसान को संबधित पोर्टल में रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। रजिस्ट्रेशन के बाद कंपनियां किसानों से संपर्क करेगी। इसके लिए किसान के पास न्यूनतम एक हेक्टेयर भूमि होनी चाहिए तथा संबधित भूमि डिस्कॉम के 33 केवी सब स्टेशन के पांच किमी के दायरे में होनी चाहिए।
आवश्यक दस्तावेज
पंजीकरण के दौरान आवेदन के साथ संबधित भूमि की जमाबंदी, भूमि स्वामित्व प्रमाण, आधार कार्ड, बैंक खाता, एक से अधिक किसानों के स्वामित्व वाली भूमि होतो अधिकृत पत्र आवेदक व्यक्ति की फोटो व हस्ताक्षर, पंजीकरण शुल्क आदि दस्तावेज पोर्टल पर अपलोड करने अनिवार्य हैं।
शर्त यह भी है
एग्रीमेंट में एक पक्ष नहीं होगा व लीज राशि के भुगतान के लिए एक सुविधाकर्ता के रूप में कार्य करेगा। भूमि पट्टा अनुबंध के निष्पादन के बाद व जब तक विकासकर्ता द्वारा सौर पीवी बिजली संयंत्र चालू नहीं किया जाता है, तब तक किसान को पट्टे की राशि के भुगतान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा।