जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि यदि कोई निजी वाहन स्वामी अपने वाहन पर अपनी पंसद के किसी राजनीतिक दल या अभ्यर्थी का झंडा, स्टीकर लगाता है तो उसे सावधानी रखने की आवश्यकता है कि उनके द्वारा प्रचार सामग्री लगाने से राहगीरों को कोई असुविधा तो नहीं हो रही। निजी वाहन को प्रचार के लिए काम में लेने पर प्रत्याशी द्वारा उसका ईंधन, चालक का वेतन अभ्यर्थी के व्यय लेखे में शामिल किया जाएगा।
चुनाव के दौरान वाहनों, वीडियो रथ वाहन में सक्षम अधिकारी से विधिवत अनुमति प्राप्त कर लाउड स्पीकर का उपयोग किया जा सकता हैं। लेकिन लाइड स्पीकरों का उपयोग रात: 10 से प्रात: 6 बजे तक निषिद्ध अवधि में नहीं किया जा सकेगा।
चुनाव प्रचार के दौरान जुलूस में कोई भी अभ्यर्थी, राजनीतिक दल टोपी, मास्क स्कार्फ आदि उपलब्ध कराता है, लेकिन रैलियों, सभाओं, जुलूसों में साड़ी, कमीज आदि परिधानों का वितरण नहीं होगा।
राजनीतिक सभाओं के लिए सरकार, स्थानीय निकाय, उपक्रमों सहकारी संस्थाओं के मीटिंग स्थलों, हॉल, ऑडिटोरियम आदि का उपयोग राजनीतिक सभाओं के लिए किया जा सकता है, लेकिन इसके लिए चुनाव आयोग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों की पालना जरूरी होगा। कॉलेज, स्कूलों व अन्य शैक्षणिक संस्थाओं के मैदानों का चुनाव प्रचार के दौरान उपयोग करते हुए इस बात का पूरा ध्यान रखा जाए कि किसी स्कूल या कॉलेज के शैक्षणिक सत्र पर किसी भी प्रकार का वितरीत असर न हो।
विधानसभा चुनाव 2018 के मद्देनजर आयोजित मतदान कार्मिकों के प्रथम चरण के प्रशिक्षण में अनुपस्थित रहे कार्मिकों से स्पष्टीकरण मांगा गया है। नियुक्ति प्रकोष्ठ के सहायक प्रभारी अजय पिल्लेई ने बताया कि पीआरओ व पीओ प्रथम के प्रथम चरण का प्रशिक्षण राजकीय पोलिटेक्निक कॉलेज में 23 से 27 अक्टूबर तक आयोजित हुआ था। इन्समें कुल 4 हजार 286 कार्मिकों को प्रशिक्षण दिया गया। इनमें से 21 पीठासीन अधिकारी और 37 मतदान अधिकारी प्रथम अनुपस्थित रहे। जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ. एनके गुप्ता ने अनुपस्थित कार्मिकों को नियमानुसार नोटिस जारी कर व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर उनसे एक नवम्बर को स्पष्टीकरण मांगा है।