scriptलोकसभा चुनाव के लिए बीकाणा का रण तैयार… 15 साल बाद फिर आमने-सामने ये दो दिग्गज नेता, रोचक बना मुकाबला | Lok Sabha Election : Election contest will be seen between Arjun Ram Meghwal and Govindram Meghwal in Bikaner | Patrika News
बीकानेर

लोकसभा चुनाव के लिए बीकाणा का रण तैयार… 15 साल बाद फिर आमने-सामने ये दो दिग्गज नेता, रोचक बना मुकाबला

Lok Sabha Election 2024 : बीकानेर सीट पर 15 साल बाद फिर वह मौका आया है, जब कांग्रेस से गोविन्द राम और भाजपा से अर्जुनराम मेघवाल चुनाव मैदान में आमने-सामने है। ऐसे में यहां इस बार काफी रोचक मुकाबला देखने को मिलेगा।

बीकानेरMar 13, 2024 / 11:35 am

Anil Prajapat

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Lok Sabha Election 2024 : बीकानेर। कांग्रेस की ओर से गोविन्दराम मेघवाल को बीकानेर लोकसभा सीट से प्रत्याशी घोषित किया गया है। भाजपा पहले ही केन्द्रीय कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल को यहां से अपना प्रत्याशी घोषित कर चुकी है। दोनों प्रमुख दलों की ओर से प्रत्याशियों का चेहरा साफ होने के बाद अब चुनावी सक्रियता तेज हो जाएगी। अर्जुनराम मेघवाल चौथी बार लोकसभा चुनाव के मैदान में है। जबकि गोविन्दराम मेघवाल 2009 में एक बार लोकसभा चुनाव लड़ने का अनुभव रखते है। गोविंदराम दो बार विधायक रहे हैं। वर्ष 2003 में पहली बार भाजपा के टिकट पर नोखा से विधायक बने थे।
बीकानेर सीट पर 15 साल बाद फिर वह मौका आया है, जब कांग्रेस से गोविन्द राम और भाजपा से अर्जुनराम मेघवाल चुनाव मैदान में आमने-सामने है। अर्जुनराम मेघवाल चौथी बार लोकसभा चुनाव के मैदान में है। जबकि गोविन्दराम मेघवाल ने 2009 में बीएसपी के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ा था। तब कांग्रेस प्रत्याशी रेवंतराम पंवार 19 हजार 575 मतों से हार गए थे।
जबकि गोविन्दराम को 39 हजार 306 मत मिले थे। इसके बाद कांग्रेस ने हर बार लोकसभा चुनाव में नया प्रयोग किया लेकिन, इस सीट को भाजपा से नहीं छीन पाए। अब दोनों दिग्गज 15 साल बाद फिर से आमने-सामने होंगे। ऐसे में यहां इस बार काफी रोचक मुकाबला देखने को मिलेगा।
गोविन्दराम मेघवाल 2009 का लोकसभा चुनाव हारने के बाद फिर से कांग्रेस में शामिल हो गए और वर्ष 2013 में खाजूवाला से चुनाव लड़ा। यह चुनाव हार गए लेकिन, वर्ष 2018 में फिर कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़े और जीत गए। प्रदेश में गहलोत सरकार बनी तो कद बढ़ा और आपदा प्रबंधन मंत्री बनाए गए। पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने दलित चेहरे के रूप में गोविन्दराम मेघवाल को आगे रखते हुए चुनाव कैम्पेन कमेटी का अध्यक्ष तक बनाया। हालांकि वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव में खुद की सीट भी नहीं बचा पाए।
गोविन्दराम मेघवाल को तीखे बयानों के लिए ज्यादा पहचाना जाता है। कांग्रेस सरकार में आपदा प्रबंधन मंत्री रहते भी कई बार विवादित बयानों को लेकर चर्चा में रहे। गोविन्दराम मेघवाल अक्सर केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल और उनके पुत्र रविशेखर मेघवाल को अपने बयानों में घेरते रहते है। हालांकि सीधे तौर पर अर्जुनराम ने गोविन्दराम मेघवाल के बयानों पर कभी पलटवार नहीं किया।
टेलीफोन ऑपरेटर से कॅरियर शुरू करने वाले गोविंदराम मेघवाल ने अपना राजनीतिक सफर भाजपा से शुरू किया था। पहली बार 1998 में नोखा सीट से विधानसभा चुनाव लड़ा, लेकिन हार मिली। इसके बाद 2003 में कांग्रेस के रेवंतराम को हरा भाजपा की टिकट पर चुनाव जीत गए। वर्ष 2008 में नोखा सीट सामान्य होने के बाद खाजूवाला से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए।
अगले ही वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में कांंग्रेस से टिकट मांगा, लेकिन नहीं मिलने पर बसपा से पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ा। इस चुनाव में वे तीसरे नम्बर पर रहे। फिर 2013 में कांग्रेस में वापसी हुई। खाजूवाला से विस चुनाव लड़ा, लेकिन शिकस्त मिली। अगले विस चुनाव 2018 में कांग्रेस के टिकट पर ही खाजूवाला से विधायक निर्वाचित हुए।

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