नटवरलाल व्यास बताते है कि कोलायत विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में उतरे आशाराम अपने चुनाव निशान कार के कारण प्रसिद्ध रहे। चुनाव के बाद भी लोग उनको देखते ही कहते ‘एक नम्बर कार है, बाकी सब बेकार हैÓ । चुनाव निशान ही आशाराम की पहचान बन गया। वहीं बीकानेर शहर विधानसभा चुनाव में उतरे निर्दलीय प्रत्याशी भंवरलाल सुराणा अपने चुनाव निशान उगता सूरज से प्रसिद्ध रहे। व्यास के अनुसार भंवरलाल उगता सूरज लोगों की जुबां पर रहा। विधानसभा चुनाव में प्रजा समाजवादी पार्टी से प्रत्याशी रहे और दो बार विधायक रहे मुरलीधर व्यास का चुनाव चिन्ह झौंपड़ी लोगों की जुबा पर रहा।
मुरलीधर व्यास की पहचान बना रहा। चुनावों के दौरान कविता ‘झाला देवे झूंपड़ीÓ काफी प्रसिद्ध रही। वर्ष १९७२ में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान अपने चुनाव निशान घोड़ा के कारण उम्मीदवार मोहम्मद हुसैन कोहरी काफी प्रसिद्ध रहे। चुनाव के बाद भी उनका चुनाव निशान उनकी पहचान बना रहा।
विधानसभा चुनाव में बीकानेर पश्चिम विधानसभा से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में उतरे केदारनाथ अपने चुनाव निशान चाय की केतली के कारण प्रसिद्ध रहे। प्रचार के दौरान केदार केतली में चाय भरकर मतदाताओं को पिलाते रहते। लोगों में उनकी पहचान केदार केतली के रूप में रही। जनार्दन व्यास अपने चुनाव निशान साइकिल के कारण प्रसिद्ध रहे है। साइकिल चुनाव चिन्ह व्यास की पहचान बनी रही।
विधानसभा चुनावों के साथ-साथ स्थानीय निकाय चुनावों में उतरे कई उम्मीदवारों की पहचान उनके चुनाव निशान के कारण बनी हुई है। वार्ड मेम्बर चुनाव में उतरे दाऊलाल का चुनाव निशान चिडि़या उनकी पहचान बन गई। दाऊलाल के नाम के साथ हमेशा उनका चुनाव चिन्ह जुड़ा रहा। इसी प्रकार श्रीलाल जोशी का चुनाव चिन्ह ईंट उनकी पहचान बन गया। वहीं वार्ड मेम्बर चुनाव में उतरे किशनलाल का चुनाव चिन्ह घण्टी उनकी पहचान बना हुआ है।