पिता बोले-बेटे की करतूतों ने मेरा मकान तुड़वाया
मकान पर बुलडोजर चलते देख दानाराम के पिता जगदीश सियाग की आंखों से आंसु निकल पड़े। तब उसके भाई रामेश्वर व अन्य ने संभाला। जगदीश ने रुंधे गले से पुलिस अधिकारियों से हाथ जोड़ते हुए कहा- साब मेरा घर आप नहीं तुड़वा रहे, मेरा घर तो मेरे बेटे दानिये की करतूतें तुड़वा रही हैं। पुलिस व सरकार ने मेरे साथ अन्याय किया है। मैंने घर वर्ष 2010 में बनाया था। तब दानिये की उम्र महज 13 साल थी। उसकी काली कमाई का एक भी रुपया मेरे घर पर नहीं लगा। उसकी गलत हरकतों व बदमाशियों से तंग आकर वर्ष 2019 में उसे बेदखल कर चुका हूं।
आरोप: पक्ष रखने का मौका ही नहीं दिया
जगदीश सियाग ने बताया कि नोटिस में नौ जून की सुबह दस बजे उसे सक्षम अधिकारी के समस्त उपिस्थत होने की हिदायत दी गई, लेकिन उसे नोटिस ही नौ जून की शाम साढ़े सात बजे मिला। जिससे उसे पक्ष रखने का मौका ही नहीं मिला। जबकि नोटिस 26 मई को ही जारी हो चुका था। मेरे व परिवार के साथ अन्याय हुआ है। मेरे बेटे की गलती की सजा मेरा परिवार भुगत रहा है।