बारह गुवाड़ चौक निवासी महेन्द्र रंगा ने बताया कि वह शनिवार शाम को बेटे को पतंग दिलाने के लिए बाजार गया था। वहां दुकानदार को नकद भुगतान कर घर आ गया। घर आकर देखा तो मोबाइल पर रुपए निकलने का मैसेज मिला। इस पर हैरानी हुई। बाद में मोबाइल से ऑनलाइन चेक किया तो खाते में बैलेंस केवल नौ हजार ही शेष रहा। खाते से एक बार में 85 हजार एवं दूसरी बार में आठ हजार 489 रुपए निकलने का मैसेज आया हुआ था। पीडि़त ने तुरंत साइबर सेल एवं बैंक ऑफ बड़ौदा नत्थूसर गेट के अधिकारियों को सूचना दी।
न ओटीपी ना कोई लिंक फिर भी निकले रुपए पीडि़त रंगा ने बताया कि उसके मोबाइल पर न तो कोई ओटीपी आया और ना ही कोई लिंक आया। उसने खुद ने भी कोई ऑनलाइन ट्रांजेक्शन नहीं किया। इसके बावजूद खाते से रुपए निकल गए, यह समझ से परे हैं। उसने अपना बैंक खाता फ्रीज करवा दिया है। ऑनलाइन पेमेंट सुविधा को बंद करवा दिया है।
15 दिन में पांचवीं ठगी जिले में 15 दिन में साइबर ठगों ने पांचवीं ठगी है। वूलन व्यापारी सुरेश राठी के खाते से 72 लाख की राशि निकाल चुके हैं। पुलिस ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई कर पीडि़त को 60 लाख रुपए वापस दिलवाए। वहीं खाद-बीज व्यापारी राकेश सैनी के साथ 4800 रुपए की ठगी हुई। गंगाशहर के दिनेश के खाते से साइबर ठगों ने 9800 रुपए निकाल लिए। लूणकरनसर के विष्णु के खाते से साइबर ठगों ने 13 हजार 400 रुपए निकाल लिए। इन सभी पीडि़तों के खाते से साइबर ठगों ने बिना ओपीटी व लिंक के रुपए निकाले थे।