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बीकानेर

प्रयागराज महाकुंभ में बीकानेर के श्रद्धालुओं को निशुल्क मिलेगी रहने, खाने और चिकित्सा की सुविधाएं, करवाना होगा रजिस्ट्रेशन

बीकानेर व आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों के हजारों श्रद्धालुओं के लिए महाकुंभ स्थल पर आवास, भोजन, भजन, कीर्तन, महायज्ञ आदि की व्यवस्थाएं रहेंगी।

बीकानेरJan 01, 2025 / 09:46 pm

Suman Saurabh

Bikaner devotees will get free accommodation, food and medical facilities in prayagraj maha kumbh mela 2025
बीकानेर। प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ में बीकानेर का खालसा (शिविर) लगेगा। श्री राम झरोखा कैलाशधाम की ओर से आयोजित खालसा में हजारों श्रद्धालुओं के लिए महाकुंभ स्थल पर आवास, भोजन, भजन, कीर्तन, महायज्ञ आदि की व्यवस्थाएं रहेंगी।
श्री राम झरोखा कैलाशधाम के महामंडलेश्वर संत सरजूदास महाराज ने पत्रकारों को बताया कि खालसा की शुरुआत 10 जनवरी को ध्वजारोहण के साथ होगी। शिविर में प्रतिदिन 4 हजार लोगों के भोजन तथा 900 लोगों के आवास की निशुल्क व्यवस्था रहेगी।
महाकुंभ स्थल पर करीब साढ़े तीन बीघा परिसर में शिविर लगाने की अनुमति मिली है। बीकानेर व आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों के श्रद्धालुओं को महाकुंभ के लिए खालसा में आवास, भोजन, भजन-कीर्तन आदि के लिए रजिस्ट्रेशन करवाना होगा।
महाकुंभ के लिए रजिस्ट्रेशन का कार्य चल रहा है। श्रद्धालु आश्रम में दो फोटो व एक आईडी के साथ रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। हाथों-हाथ रजिस्ट्रेशन भी हो सकेगा। महाराज ने महाकुंभ प्रयागराज-बीकानेर खालसा के बैनर का विमोचन भी किया।

होगा त्रिवेणी महायज्ञ

महाकुभ के दौरान राम झरोखा कैलाश धाम की ओर से खालसा स्थल पर विराट त्रिवेणी महायज्ञ का आयोजन 23 से 29 जनवरी तक किया जाएगा। वहीं खालसा स्थल पर 10 जनवरी से 12 फरवरी तक नित्य अखण्ड कीर्तन, राम नाम एवं अखण्ड भण्डारा का आयोजन होगा।

144 साल बाद दुर्लभ संयोग

संत सरजूदास महाराज के मुताबिक, महाकुंभ न केवल एक धार्मिक आयोजन है, बल्कि इसमें खगोलीय घटनाओं का भी गहरा प्रभाव माना जाता है। कुंभ मेले के चार प्रकार होते हैं। कुंभ, अर्धकुंभ, पूर्णकुंभ और महाकुंभ। इसका आयोजन तब होता है जब सूर्य, चंद्रमा और गुरु ग्रह विशिष्ट खगोलीय स्थिति में होते हैं। इस अवधि में गंगा, क्षिप्रा, गोदावरी और संगम जल विशेष रूप से पवित्र माना जाता है।
महाराज के अनुसार जब गुरु ग्रह बृहस्पति वृषभ राशि में और ग्रहों के राजा मकर राशि में होते हैं, तो महाकुंभ का आयोजन प्रयागराज में किया जाता है। इस साल महाकुंभ खास है, क्योकि महाकुंभ हर 12 साल के बाद आता है और इस साल 12-12 के पूरे बारह चरण पूर्ण हो रहे हैं। जिसकी वजह से 144 साल के बाद ऐसा संयोग बन रहा है।
यह महाकुंभ इसलिए खास होता हैं, क्योंकि ग्रहों की स्थिति, तिथि और हर एक गतिवधि अनुकूल होती है और एक दुर्लभ संयोग बन जाता है।

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