विभाग से जुड़े जानकारों के अनुसार पिछले साल हुए विवाद को देखते हुए इस बार प्रतियोगिता की जगह शो का आयोजन करने का निर्णय लिया गया है। इसमें सभी को विभाग की ओर से सर्टिफिकेट दिए जाएंगे। हिस्सा लेने के लिए भी प्रतियोगियों को पहले आवेदन करना होगा। इसके बाद ही वह इस शो में हिस्सा ले सकेंगे। मिस्टर बीकाणा प्रतियोगिता को लेकर रोबीले कई महीनों पहले से ही तैयारियां करनी शुरू कर देते हैं। ऐसे में प्रतियोगिता न होने से तैयारी करने वालों को निराशा हाथ लगी है।
डॉ. करणी स्टेडियम में होगा आयोजन
10 से 12 जनवरी तक आयोजित होने वाले अंतरराष्ट्रीय ऊंट उत्सव में 11 जनवरी को डॉ. करणी स्टेडियम में कई कार्यक्रम होंगे। इस दिन शाम 4.30 से 7 बजे तक बीकाणा री शान कार्यक्रम होगा। इसमें मिस्टर बीकाणा और मिस मरवण के अलावा ढोला-मरवण शो का आयोजन किया जाएगा। इसके लिए 8 जनवरी तक पर्यटन सहायता केंद्र में आवेदन किया जा सकता है।
ऊंट उत्सव की तैयारियों का किया निरीक्षण
अंतरराष्ट्रीय ऊंट उत्सव के तहत भाकृअनुप-राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केन्द्र (एनआरसीसी) बीकानेर के उष्ट्र खेल परिसर में 11 जनवरी को ऊंट नृत्य, कैमल फर कटिंग, सजावट, दौड़ आयोजित की जाएगी। इन प्रतियोगिताओं के लिए स्थान, रेस ट्रैक, प्रवेश द्वार, आवागमन स्थिति व दर्शकों के बैठने की व्यवस्था का निरीक्षण किया गया। एनआरसीसी के निदेशक डॉ. एस.के.घोरुई, दिनेश मुंजाल, मनजीत सिंह के साथ पर्यटन विभाग के उपनिदेशक अनिल राठौड़ एवं जिला पर्यटन अधिकारी पवन कुमार शर्मा ने एनआरसीसी में स्थित उष्ट्र खेल परिसर का जायजा लिया। निदेशक ने कहा कि तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। एनआरसीसी कैमल इको-टूरिज्म की अवधारणा को लेकर आगे बढ़ रहा है।
2006 में हुई थी शुरुआत
2007 में मिस्टर बीकाणा रहे राजेंद्र व्यास ने बताया कि शुरुआत में दो अलग-अलग कैटेगरी में प्रतियोगिता आयोजित होती थी। इसके प्रति युवाओं में भी काफी क्रेज रहता था। एक साल पहले ही तैयारी शुरू कर देते थे। हर साल 40 से अधिक प्रतिभागी इस प्रतियोगिता में हिस्सा लेते थे। इससे उनको प्रोत्साहन मिलने के साथ ही फिल्मों, धारावाहिकों और एल्बमों में रोल मिलता रहे। इस साल पत्र लिखकर पुरस्कार की राशि को बढ़ाने की मांग भी की गई थी।