दरअसल, गिरफ्तार किए गये अभियुक्त करीमुद्दीनपुर निवासी गाँव मिर्जापुर अल्लाह वाला, जनपद रामपुर है। उसने पुलिस पूछताछ में बताया कि अत्यधिक रुपये कमाने की लालसा में वह अवैध शस्त्र बनाकर बेचने लगा था। पिछले 10 वर्षों से यह कार्य वह फारुख के साथ मिलकर कर रहा था। परंतु फारुख की मृत्यु करीब 4 वर्ष पहले हो चुकी है। फारुख की मृत्यु के बाद वह यह काम अकेले कर रहा था।
चुनावी माहौल के चलते शस्त्रों की ज्यादा मांग होने के कारण इसकी कीमत 5000 से 10000 रुपये पर तमंचा बनाकर बेचेने का काम कर रहा था। जिससे उसके घर का खर्च एवं शौक पूरे हो जाते थे।एसपी डॉ धर्मवीर सिंह ने बताया कि बरामद किए गए अभियुक्त के पास से तीन तमंचा 315 बोर, एक तमंचा 12 बोर, लोहे की नाली शस्त्र बनाने के उपकरण हथौडा, ड्रिल मशीन, आरी, रेती आदि बरामद हुए हैं।