नूरपूर उपचुनाव मतगणना
15 राउंड
भाजपा अवनी सिंह- 52350
सपा नईमुलहसन- 56891
नईमुलहसन 4541 मतों से आगे।
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14 राउंड में टोटल
भाजपा अवनी सिंह- 48589
सपा नईमुलहसन- 53771
5182 से नईमुलहसन आगे।
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13 राउंड में टोटल वोट
भाजपा अवनी सिंह- 44872
सपा नईमुलहसन- 50180
5308 से नईमुलहसन आगे।
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12 राउंड में टोटल
भाजपा अवनी सिंह- 41360
सपा नईमुलहसन- 45884
4524 से नईमुलहसन आगे।
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11 राउंड
भाजपा अवनी सिंह- 37590
सपा नईमुलहसन- 42506
नईमुलहसन 4916 मतों से आगे।
कैराना लोकसभा उपचुनाव मतगणना
वहीं, कैराना लोकसभा सीट के लिए हुए उपचुनाव में गठबंधन प्रत्याशी तबस्सुम हसन को 5वें राउंड में 113742 वोट मिले हैं, जबकि भाजपा प्रत्याशी मृगांका सिंह को 95577 वोट प्राप्त हुए हैं। यानी भाजपा प्रत्याशी 18165 मतों से पीछे चल रही हैं।
इससे पहले सेकंड राउंड में भी गठबंधन प्रत्याशी तबस्सुम हसन को 34184 वोट और भाजपा प्रत्याशी मृगांका सिंह को 27635 वोट मिले हैं। यानी यहां भी भाजपा प्रत्याशी 6549 वोटों से पीछे चल रही थी।
कैराना लोकसभा उपचुनाव और नूरपुर विधानसभा उपचुनाव के लिए सुबह 8 बजे से मतगणना शुरू हुई। इन सीटों पर सोमवार को वोटिंग हुई थी। हालांकि, वोटिंग मशीन खराब होने की वजह से कैराना लोकसभा सीट के 73 मतदान केन्द्रों पर बुधवार को पुनर्मतदान हुआ था। दरअसल, कैराना और नूरपुर उपचुनाव में हुई ईवीएम की खराबी के बाद काफी बवाल मचा था। इसको लेकर सत्ता पक्ष के साथ ही विपक्षी दलों ने भी कई जगह पुनर्मतदान कराए जाने की मांग की थी। इस पर बिजनौर, शामली और सहारनपुर के डीएम ने अपनी रिपोर्ट भी चुनाव आयोग भेज दी थी। इसके बाद मंगलवार को चुनाव आयोग ने घाषणा की थी कि कैरान लोकसभा क्षेत्र के 73 बूथों पर पुनर्मतदान कराया जाएगा। यह री-पोलिंग बुधवार को सुबह 7 बजे से से शाम के 6 बजे तक हुई।
भाजपा इन दोनों सीटों पर सहानुभूति रथ पर सवार होकर उपचुनाव जीतने की रणनीति तैयार की थी। लोकिन माना जा रहा है कि भाजपा से किसानों नाराजगी और चौधरी अजित सिंह की लगातार मेहनत की वजह से भाजपा के हाथ से जाट वोट इस बार खिस गया। दरअसल, कैराना लोकसभा और नूरपुर विधानसभा में सपा से गठबंधन करने के बाद कैराना उपचुनाव में चौधरी अजित सिंह और उनके बेटे जयंत चौधरी की कड़ी मशक्कत के चलते जाट वोटर भाजपा से दूरी बनाता नजर आया। यानी कैराना लोकसभा चुनावों में रालोद प्रमुख चौधरी अजित सिंह और उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ने अपनी खोई हुई जमीन पाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी। अपने पूरे दल-बल के साथ दोनों पिता-पुत्र ने ताबड़तोड़ संपर्क कर जाटों के बीच नए सिरे से भरोसा जगाया और अपनी खोई हुई जमीन वापस हासिल कर ली। इसके उलट अगर बात की जाए भाजपा कि तो क्षेत्र की तो अब तक परिणामों से साफ नजर आ रहा है कि भाजपा हाईकमान जाट वोटरों को साधने में ठोस कार्ययोजना नहीं तैयार कर पाया।
कैराना में भाभी-देवर के मिलन ने भी बिगाड़ा भाजपा का खेल
अपनी भाभी के खिलाफ ताल ठोक रहे लोकदल प्रत्याशी कंवर हसन ने राष्ट्रीय लोकदल प्रत्याशी तबस्सुम हसन को समर्थन दे दिया । अभी तक कंवर हसन गठबंधन की प्रत्याशी तबस्सुम हसन के विरोध में चुनाव में खड़े हुए थे। आपको बता दें कि कंवर हसन रिश्ते में तबस्सुम हसन के देवर लगते हैं। वहीं, इनके मिलन से भाजपा खेमे में बेचैनी बड़ गई थी, क्योंकि इन दोनों के मिलन के साथ ही मुस्लिम वोटों के बंटवारे आशका खत्म हो गई थी।