गौरतलब है कि दो अक्टूबर को दिल्ली में किसानों की यात्रा को रोकने के लिये केंद्र सरकार के इशारे पर गाजियाबाद बॉर्डर पर दिल्ली पुलिस ने बैरिकेट्स लगाकर किसान यात्रा को रोक दिया गया था। इस यात्रा के रुकने पर किसान उग्र हो गए थे। इस दौरान उन्होंने अपने ट्रैक्टर से पुलिस बैरिकेटिंग को तोड़ने का पूरा प्रयास किया था। लेकिन, पुलिस ने बल प्रयोगकर किसानों को तितर बितर करने के लिये पानी के बौछार के साथ ही लाठीचार्ज भी कर दिया था।इस दौरान कई किसानों को चोटें भी आई थी।
इस लाठीचार्ज से नाराज बिजनौर क्षेत्र के चांदपुर के अलेहपुर गावँ के किसानों ने भाजपा नेताओ और कार्यकर्ताओं को गांव में न घुसने का नो एंट्री का बोर्ड लगा दिया है। किसान महिपाल सिंह का कहना है कि दिल्ली में पुलिस ने किसानों पर लाठीचार्ज व पानी की बौछार करके किसानों को दिल्ली में घुसने नहीं दिया था। इसी को लेकर किसान भाई किसी भी कीमत पर भाजपा के कार्यकर्ताओं को गावँ में घुसने नहीं देंगे। भाजपा सरकार अगर किसानों को दिल्ली में नहीं घुसने देगी तो हम भी इन्हें गावँ में नही घुसने देंगे। 2014 में केंद्र की सरकार बनने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों से स्वामी रंगनाथन आयोग की रिपोर्ट को शामिल करके किसानों को हक़ दिलाने की बात कही थी, लेकिन सरकार बनने के बाद सरकार किसान हितों को भूलकर बड़े व्यापारियों को लाभ दे रही है। उन्होंने कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव में विपक्षी को वोट देकर किसान इन्हें सबक सिखाने का काम करेगा।