सदस्यता होगी खत्म…
सुप्रीम कोर्ट कॉलिजियम द्धारा ओडिशा हाईकोर्ट के लिए जजों की नियुक्ति का विरोध और अन्य मांगों को लेकर हाईकोर्ट के वकील हड़ताल पर हैं। बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने वकीलों के 68 संगठनों और ओडिशा हाईकोर्ट बार एसोसिएशन को जारी नोटिस में तुरंत काम पर लौटने को कहा है। साथ ही यह भी कहा है कि काम पर न लौटने पर सख्त कार्रवाई की जा सकती है। पत्र में यह भी कहा गया है कि न्यायिक कामकाज में वकील पूरा सहयोग करें और काम पर लौटने के अपने निर्णय से बार काउंसिल ऑफ इंडिया को पत्र भेजकर अवगत कराएं। पत्र में साफ कहा गया है कि काउंसिल का निर्देश न मानने वाले वकील की बार एसोसिएशन की सदस्यता समाप्त की जा सकती है।
बड़ी बैठक में होगा निर्णय…
बार काउंसिल ने हड़ताल के औचित्य पर सवाल उठाया है। उधर सुप्रीमकोर्ट ने राज्य सरकार से वकीलों की हड़ताल पर रिपोर्ट मांगी। पूछा कि बीती 2018-2019 में हाईकोर्ट और जिला कोर्टों का कितने कार्यदिवसों की हानि हुई है, इसका पूरा ब्यौरा सौंपें। सुप्रीमकोर्ट ने आगे कहा है कि इस प्रकरण की 8 नवंबर को होने वाली सुनवायी के दौरान बार काउंसिल के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौके पर मौजूद रहें। ओडिशा बार एसोसिएशन के अध्यक्ष गोपाल कृष्ण महंति ने बताया कि इस प्रकरण पर एक नवंबर को होने वाली बार एसोसिएशन की सामान्य बैठक में निर्णय लिया जाएगा।
वकील पर हमले को लेकर दो महीने बंद था हाईकोर्ट
-28 अगस्त को शास्त्री नगर में वकील प्रसन्नपटनायक को कथित रूप से पुलिसकर्मियों ने पीटा था।
-आंदोलन कर रहे वकील कथित हमले में शामिल पुलिसकर्मियों की गिरफ़्तारी की मांग कर रहे हैं।
-सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता में तीन जजों की बेंच ने गुरुवार कोओडिशा उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन और अन्य संबंधित संघों के वकीलों से चल रही इस हड़ताल को ख़त्म करने और हाई कोर्ट से अपना काम फिर से शुरू करने को कहा था।
-इसके साथ ही सर्वोच्च न्यायालय ने ओडिशा के डीजीपी को इस मामले की जांच आईजी (अपराध शाखा) को सौंपने का आदेश भी दिया था।