क्यों करना पड़ रहे अकाउंट्स बंद
आदेश के मुताबिक, टेलीकॉम कंपनियां डीएक्टिवेटेड सिमकार्ड को 90 दिन बाद दूसरे यूजर को जारी कर सकती हैं। यानि अगर कोई व्यक्ति एक नंबर को 90 दिन तक यूज नहीं करता है, तो ये फिर दूसरे व्यक्ति को मिल जाएगा। परेशानी तब है जब, वही नंबर बैंक के साथ भी जुड़ा हो और यूजर ने अपना नया नंबर बैंक अकाउंट के साथ अपडेट न किया हो। इससे होगा ये कि जिस व्यक्ति को वो नंबर मिलेगा, वो उसकी मदद से पीआई एप्स को एक्टिवेट कर लेगा, क्योंकि वही नंबर बैंक के साथ लगा हुआ है। इस परेशानी से लोगों को बचाने के लिए ट्राई (TRAI) ने पीआई ऐप्स को पिछले एक साल से इनएक्टिव पड़े सभी अकाउंट्स बंद करने के निर्देश जारी कर दिए हैं।
ट्राई ने कहा जल्द करें ये काम
नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया का सर्कुलर टीपीएपी और पीएसपी बैंकों को उन ग्राहकों की यूपीआई आईडी, संबंधित यूपीआई नंबर और फोन नंबर की पहचान करने का निर्देश दिया है, जिन्होंने यूपीआई ऐप के माध्यम से एक वर्ष से कोई वित्तीय या गैर-वित्तीय लेनदेन नहीं किया है। एनपीआई से ग्राहकों की यूपीआई आईडी और यूपीआई नंबर को इनवर्ड क्रेडिट लेनदेन से रोकने और यूपीआई मैपर से अपंजीकृत करने के लिए कहा है। इनवर्ड क्रेडिट लेन-देन को दोबारा शुरू करने के लिए ग्राहकों को अपने यूपीआई ऐप से फिर से रजिस्टर कर यूपीआई आईडी को लिंक करना होगा।
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