स्ट्रीट वेंडर योजना की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह योजना आप लोगों के लिए ही है। योजना के तहत शुरूआत में 10 हजार रुपए दिए जाते हैं, यह राशि चुका देने के बाद 20 हजार रुपए और यह राशि चुका देने के बाद 50 हजार रुपए देने का प्रावधान है। जिससे आपका व्यवसाय बढ़ता जाए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि इस योजना के लाभ से कोई छूट न जाए, इसलिए सभी की लिस्टिंग की जाए। प्रयास यही है कि आपकी जिंदगी में खुशियां आएं। आपकी जिंदगी बदलने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।
कार्यक्रम के दौरान स्ट्रीट वेंडर योजना की जानकारी कठपुतली के माध्यम से दी गई। यह कठपुतली कार्यक्रम इतना आकर्षक था कि मुख्यमंत्री ने मंच से ही एलान कर दिया कि केन्द्र और राज्य सरकार की योजनाओं का प्रचार-प्रसार कठपुतली के माध्यम से होगा। साथ ही उन्होंने कहा कि इतना अच्छा विज्ञापन तो शाहरुख खान और कैटरीना कैफ भी नहीं करती जितना अच्छा इन कठपुतली वाले ने कर दिया है। उन्होंने मौके पर जनसंपर्क विभाग के अफसरों को बुलाकर निर्देश दिए कि इस पर क्रियान्वयन शुरू हो।
पंचायत के दौरान मुख्यमंत्री ने हितग्राहियों से चर्चा भी की। इस दौरान भोपाल निवासी हितग्राही हरिप्रसाद कुशवाह से पूछा कि हाथ ठेला लगाने में कहीं कोई दान दक्षणा तो नहीं देना पड़ती। कोई रिश्वत मांगता है क्या। इस पर हरिप्रसाद बोले, कभी किसी ने रिश्वत नहीं मांगी। मुख्यमंत्री ने पूछा कि कितना कमा लेते हो तो उसने बताया कि 300-400 रुपया कमा लेता हूं।
भोपाल निवासी दर्शना बागी के संघर्ष की कहानी ने मुख्यमंत्री को भावुक कर दिया। उन्होंने बताया कि अपने बेटे और बेटी के साथ रहती है। पुराने कपड़ों से बैग आदि तैयार करती हैं। पति की 5 वर्ष पूर्व मृत्यु हो गई। परिवार संकट में आ गया था। मुश्किल से बेटे की डिग्री पूरी हुई। संतोष की बात है कि 19 वर्ष के बेटे को हाल ही में बैंगलुरू में नौकरी मिल गई है। साढ़े सात लाख रूपए सालाना का पेकेज है। बिटिया कक्षा 12वीं में पढ़ती है। परिवार को काफी संघर्ष करना पड़ा। दर्शना की संघर्ष की कहानी सुन सीएम ने विपरीत परिस्थितियों में परिवार के हित में डटे रहने के उनके जज्बे की प्रशंसा की।
– जिला प्रशासन की जिम्मेदारी है कि सभी गरीबों को मुफ़्त राशन उपलब्ध हो। इसके लिए आयुष्मान कार्ड बनाए जाएंगे।
– मुफ़्त राशन, पीएम आवास, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी सुविधाएँ हमें गरीबों को देना है। – रोटी, मकान, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएँ, ये मनुष्य को जीने के लिए जरूरी हैं।
– बेटी यदि कॉलेज में एडमीशन लेगी तो एडीमीशन के समय साढ़े 12 हजार मिलेंगे। आगे की पढ़ाई का खर्च भी सरकार उठाएगी।