देवास में पटवारी हल्कों में नहीं रहते हुए अपने गृह निवास से कार्य कर रहे हैं। इसके चलते जमीन से संबंधित समस्याओं से किसान परेशान हो रहे हैं। पटवारी, किसानों के फोन भी रिसीव नहीं करते हैं। अब जिला प्रशासन ने ऐसे पटवारियों को हटाने का मन बनाया है।
उदयनगर तहसील के पीपरी के लोगों ने तो पटवारी की जमकर शिकायत की। किसानों ने बताया कि वे अपनी जमीनों के नामांतरण, ई-केवाईसी, फॉर्मर आईडी, नाम सुधार आदि कार्य नहीं करवा पा रहे हैं। क्षेत्र के कई किसानों की जमीनें आज भी मृतकों के नाम पर ही पंजीकृत है। इसके चलते किसान पात्र होने पर भी शासकीय योजनाओं से वंचित हैं।
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नामांतरण-बंटवारा नहीं होने से पात्र होने पर भी संबल योजना से वंचित हैं। वहीं फ्री बिजली योजना का लाभ भी इन छोटे किसानों को नहीं मिल पा रहा है।
नहीं मिली किसान सम्मान निधि
कांकड़ मोहल्ला कंडिया के खूमसिंह ने बताया मेरी दो बीघा जमीन है। किसान सम्मान निधि आज तक मुझे नहीं मिली। 5 से 6 बार पंचायत के चक्कर लगाए। वहीं पटवारी भी एक ही बार मिला। 6 माह पूर्व लगे कैंप में भी मैंने सारे कागज दिए थे लेकिन आज तक मेरा काम नहीं हो पाया।
कुछ ऐसा ही मामला बीच कंडिया के मांगीलाल का है। उन्होंने बताया कि मेरे पिता की 26 माह पूर्व मृत्यु हो गई थी। 2 वर्ष पूर्व मैंने सारे कागज पटवारी को दे दिए थे लेकिन आज तक भी मेरा नामांतरण नहीं हो पाया।
ग्रामीणों ने मांग की है कि पटवारी को हफ्ते में 3 दिन पंचायत में बिठाया जाए। इससे कागज तैयार करने से संबंधित आ रही समस्याओं से छुटकारा मिलेगा। कैंप के माध्यमों से नामांतरण-बंटवारे के कार्य करवाए जाएं।
जो पटवारी काम नहीं कर रहे उन्हें बदलेंगे
उदयनगर के तहसीलदार गौरव निरंकारी ने कहा है कि इस संबंध में बागली एसडीएम से चर्चा हुई। जो पटवारी काम नहीं कर रहे हैं, उन्हें बदला जाएगा।