गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने बताया, 10 आरोपी भोपाल, 1 छिंदवाड़ा से गिरफ्तार किए गए। हैदराबाद (तेलंगाना) से भी पांच लोग पकड़े गए। ये सभी मप्र में आतंकी संगठन हिज्ब-उत-तहरीर का मॉड्यूल ऑपरेट कर रहे थे। इनका उद्देश्य देश और मप्र में शरिया कानून लागू कराने के साथ खिलाफत को सपोर्ट करना था। वे बड़ी वारदात की तैयारी में थे।
गौरतलब है कि पहले भी भोपाल के ऐशबाग से मार्च 2022 में बांग्लादेशी आतंकी संगठन जमात ए मुजाहिद्दीन के आतंकी पकड़ाए थे। इसके अलावा सितंबर 2022 में पीएफआइ के 22 सदस्य पकड़े गए थे। जेहादी आतंकी संगठन हिज्ब-उत-तहरीर से जुड़े जिन संदिग्ध आतंकियों को पकड़ा गया है, उनमें से भी 25 से 40 वर्ष की आयु के हैं। इनका सरगना यासिर खान कोहेफिजा क्षेत्र में संचालित जिम में ट्रेनर है। सैयद सामी रिजवी कोचिंग टीचर, सैयद दानिश अली सॉफ्टवेयर इंजीनियर, मेहराज अली कम्प्यूटर टेक्नीशियन, खालिद हुसैन टीचर और व्यापारी है। इसके अलावा अन्य आरोपी ऑटो ड्राइवर, दर्जी और मजदूरी करने वाले हैं।
एटीएस ने आतंकियों को यहां से पकड़ा
एटीएस ने भोपाल के ऐशबाग, शाहजहांनाबाद, पिपलानी, लालघाटी क्षेत्र से 10 लोगों को गिरफ्तार किया। यासिर खान, सैयद सामी रिजवी, शाहरुख खान, सैयद दानिश अली, मिस्बाह उल हक, शाहिद अली, मेहराज अली, खालिद हुसैन, वसीम खान, मो. आलम को भोपाल से तो छिंदवाड़ा से करीम को पकड़ा। ये सभी स्लीपर सेल की तरह आम लोगों के बीच घुल-मिलकर देश विरोधी गतिविधियों में जुटे थे। वसीम गैस पीड़ितों के लिए काम करने वाले संगठन की रशीद बी का भतीजा है। वसीम भोपाल के बाग उमराव दूल्हा में रहता है।
आइएसआइएस जैसे आतंकी संगठन का ऐप इस्तेमाल कर रहे: पूछताछ में खुलासा हुआ कि सभी गिरफ्तार आतंकी जंगलों में जाकर कॉम्बेट ट्रेनिंग कैंप लगाते थे। यहां निशानेबाजी की प्रेक्टिस करते थे। शहरी क्षेत्रों में गोपनीय धर्मसभा कर लोगों को जेहाद के लिए उकसाते थे। आरोपी आतंकी संगठन में भर्ती के लिए ऐसे युवकों की पहचान करने में जुटे थे जो स्वभाव से उग्र हैं और कुछ भी कर गुजरने को तैयार रहते हैं। ये सभी सुरक्षा एजेंसियों से बचने के लिए आपास में डार्क वेब में उपलब्ध कम्यूनिकेशन ऐप मसलन रॉकेट चैट, थ्रीमा समेत अन्य ऐप का इस्तेमाल करते थे। इन ऐप का इस्तेमाल आइएसआइएस जैसे आतंकी संगठन करते हैं।
खतरनाक है हिज्ब-उत-तहहीर: हिज्ब उर तहरीर का गढ़ बांग्लादेश में है। ये आतंकी संगठन कई सालों से बांग्लादेश सरकार के खिलाफ काम कर रहा है। इसकी स्थापना येरूशलम में वर्ष 1952 में हुई थी। बांग्लादेश में 2009 में इस पर प्रतिबंध लगाया गया। ये इंडियन मुजाहिदीन की तरह ही काम करता है। इसका पाकिस्तान और बांग्लादेश में अच्छा खासा प्रभाव है।
अमरीकी ग्लोबल एजुकेशन कम्युनिटी कलैबरेशन ऑनलाइन के जर्नल के सीटीएक्स की रिपोर्ट के मुताबिक इस आतंकी संगठन दुनिया के 50 से अधिक देशों में पहुंच बना चुका है और इसके इसके 10 लाख से अधिक सदस्य हैं। हिज्ब उत तहरीर का हरकत उल मुहोजिरगफी नाम से स्पेशल विंग है, जो केमिकल और बॉयो वेपन्स की ट्रेनिंग देता है। इसे आइएसआइएस से भी खतरनाक आतंकी संगठन माना जाता है। 2010 में दिल्ली में इस संगठन ने इजराइल के खिलाफ प्रदर्शन किया था, जिसमें दस हजार से अधिक लोग शामिल हुए थे।
आतंकियों की ड्रोन अटैक की तैयारी
आरोपी भोपाल और मप्र से अधिक से अधिक युवकों को आतंकी संगठन से जोड़ने की फिराक में थे। उनका मंसूबा हिन्दुओं के खिलाफ जिहाद के लिए उकसाना था। आतंकी घटनाओं को अंजाम देने उन्होंने मध्य प्रदेश के साथ दूसरे प्रदेशों में स्थान चिह्नित कर रखे थे। ड्रोन अटैक की भी योजना बना रहे थे। इन स्थानों की रैकी के बाद नक्शे भी तैयार किए थे।