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इन क्षेत्रों में नहीं मिल सकती सरकारी नौकरी
अगर आप भी भारतीय वायुसेना, थल सेना, जल सेना, कमांडो, जासूस और निजी सुरक्षा एजेंसी के तहत आने वाली पोस्ट में रुचि रखते हुए उसकी तैयारी कर रहे हैं और आपके शरीर पर टेटू बना है तो, सावधान हो जाइये, क्योंकि, सरकारी आदेश के अनुसार, आपको इन सभी सरकारी सेवाओं में जाने का मौका नहीं मिल सकता।
मामला आ चुका है सामने
हाल ही में इससे जुड़ा एका मामला भी सामने आया, जहां एक उम्मीदवार को एयरफोर्स में एयरमैन के पद के लिए चुना जा चुका था, लेकिन अग्रिम चयन के बाद उसे निकाल दिया गया। छात्र से जब उसे निकाले जाने कारण पूछा गया, तो उसने बताया कि, फिजिकल और मेंटल चेकअप में तो उसका चयन कर लिया गया था, लेकिन फिटनेस चेकअप के दौरान उसके शरीर पर टेटू बना नज़र आया तो उसे कानून का हवाला देते हुए सेना भर्ती करने से इंकार कर दिया गया। हालांकि, सेना द्वारा निकाले गए छात्र ने हाई कोर्ट में इसके खिलाफ अपील भी कि, लेकिन कोर्ट ने इसे ये कहते हुए खारिश कर दिया कि, IAF के अंदुरूनी नियम, जिसमें कोर्ट बिल्कुल भी हस्तक्षेप नहीं कर सकता।
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डॉक्टर्स भी मानते हैं अनसेफ है टैटू
राजधानी भोपाल के एक निजी अस्पताल के चर्म रोग विशेषज्ञ डॉ. धर्मेंन्द्र सिन्हा ने बताया कि, टैटू बनवाने का चलन काफी तेज़ी बढ़ा है, लेकिन ये स्किन के लिहाज़ से काफी हनिकारक है। क्योंकि खासतौर पर भोपाल की फिजा में भी काफी पॉल्यूशन है, जिसका विपरीत प्रभाव शरीर पर वैसे ही पड़ता है और वहीं, जब आप शरीर पर टेटू बनवाते हैं, तो आपकी स्किन का उतना हिस्सा शरीर के अन्य अंगों के मुकाबले ज्यादा सेंसेटिव हो जाता है, जिसके कारण आपको स्किन संबंधी समस्याओं से गुज़रना पड़ सकता है। डॉ. सिन्हां ने बताया कि, टेटू का चलन विदेशों में काफी ज्यादा है और इसी के चलते वहां कई युवाओं में स्किन कैंसर के मामले भी काफी ज्यादा देखने में आ रहे हैं।
डॉ. सिन्हां के मुताबिक, टेटू बनवाते समय कई चीजें ध्यान रखना बेहद जरूरी होता है। पहली तो ये कि, टेटू गुदवाने वाले को किसी प्रकार की एलर्जी तो नहीं है। दूसरी ये कि, जिस निडिल से टैटू बनाया जा रहा है वो स्टेरलाइज है कि नहीं। तीसरी ये कि, जिस इंक का प्रयोग टैटू बनाने में किया जा रहा है, उसे किस तरह के केमिकल से बनाया गया है। क्योंकि टैटू बनाते समय स्किन का अंदरूनी हिस्से डरमिस में भी इंक के केमिकल पहुंचते हैं, जिसमें बहुत ज्यादा मात्रा में मेटल कंटेंट भी मिला होता है। ये सारी चीजें पूरी तरह से सही हो इसके बाद भी एलर्जिक रिएक्शन होने का खतरा भी बना रहता है, जो आगे चलकर स्किन कैंसर, हेपेटाइटिस जैसी बीमारियों का रूप भी धारण कर सकता है।
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