स्वीडन के लिए जबलपुर में बन रहे खतरनाक एंटी एयरक्राफ्ट बम
एमपी के जबलपुर में स्वीडन के लिए हजारों बम बनेंगे। यहां की आर्डिनेंस फैक्ट्री खमरिया यानि ओएफके में ये एंटी एयरक्राफ्ट बम तैयार किए जाएंगे। इसी के साथ ओएफके ने मेक इन इंडिया की मिसाल कायम की है। डीआरडीओ से पूरी तरह प्रमाणित इस उत्पादन के लिए फैक्ट्री में उत्साह नजर आ रहा है। नए आर्डर की पूर्ति करने के लिए बम बनाने का काम तेजी से चल रहा है। खास बात यह है कि इस आर्डर की पूर्ति मार्च अप्रेल 2024 तक ही की जानी है।
स्वीडन के लिए जबलपुर में बन रहे खतरनाक एंटी एयरक्राफ्ट बम
एमपी के जबलपुर में स्वीडन के लिए हजारों बम बनेंगे। यहां की आर्डिनेंस फैक्ट्री खमरिया यानि ओएफके में ये एंटी एयरक्राफ्ट बम तैयार किए जाएंगे। इसी के साथ ओएफके ने मेक इन इंडिया की मिसाल कायम की है। डीआरडीओ से पूरी तरह प्रमाणित इस उत्पादन के लिए फैक्ट्री में उत्साह नजर आ रहा है। नए आर्डर की पूर्ति करने के लिए बम बनाने का काम तेजी से चल रहा है। खास बात यह है कि इस आर्डर की पूर्ति मार्च अप्रेल 2024 तक ही की जानी है।
ओएफके में आयुध सामग्री स्वदेशी तकनीक से बनाई जाती है जिसके कारण लागत कम आ रही है। यही कारण है कि यहां के उत्पादों की विदेशों में मांग तेजी से बढ़ रही है। उत्पादों की तय समय पर पूर्ति भी की जा रही है जिससे ओएफके की साख और मजबूत हो गई है। ताजा आर्डर को इसी का परिणाम माना जा रहा है।
आर्डिनेंस फैक्ट्री खमरिया OFK को स्वीडन से एंटी एयरक्राफ्ट बम का एक बार फिर आर्डर मिला है। OFK को स्वीडन के लिए 40 हजार बम बनाने हैं। यहां स्वीडन के लिए 40 एमएम एल-70 तोप के लिए बम बनाए जाएंगे। OFK में 40 हजार कार्टेज केस बनाने का आर्डर मिला है।
गौरतलब है कि पिछले साल भी ओएफके में स्वीडन के लिए बम बनाए गए थे। तब यहां 44 हजार कार्टेज केस का निर्माण किया गया था। ये एंटी एयरक्राफ्ट बम बेहद विध्वंसक माने जाते हैं। स्वीडन को समय पर इनकी आपूर्ति करने के बाद नया आर्डर मिला है।
ओएफके के महाप्रबंधक एमएन हालदार ने इसे बड़ी उपलब्धि बताया है। उन्होंने बताया कि एल-70 के 40 हजार कार्टेज केस बनाने का आर्डर मिला है और तय समय के पहले ही इसकी आपूर्ति करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
स्वीडन के लिए 40 हजार एंटी एयरक्राफ्ट बम बनाने के लिए आवश्यक कच्चा माल आर्डनेंस फैक्ट्री खमरिया OFK में उपलब्ध है। एंटी एयरक्राफ्ट बम का निर्माण फैक्ट्री में तेजी से किया जा रहा है। खास बात यह भी है कि स्वीडन की कंपनी ने दो विदेशी कंपनियों को खारिज कर ओएफके को ये आर्डर दिया है।