एनजीटी में स्लाटर हाउस मामले की सुनवाई में नगर निगम कमिश्नर विजय दत्ता उपस्थित रहे। एनजीटी ने पूछा आप कोर्ट से फ्रॉड नहीं कर सकते। इस दौरान एनजीटी ने निगम को फटकार लगाई। निगम ने कहा कि आदेश के बाद से स्लाटर हाउस बंद है। कोर्ट ने कहा- तो वहां आपका स्टाफ क्यों है, वेस्ट कहां से निकल रहा है। कोर्ट से फ्रॉड कर रहे हैं आप… मेन गेट पर ताला लगाकर क्या जताना चाह रहे हैं आप…
ये था पूरा मामला
नगर निगम अधिकारियों कर्मचारियों और कारोबारियों की साठगांठ से नियमों का उल्लंघन हो रहा है। मांस वहां से लोडिंग वाहन से निकला आदि सारी व्यवस्था यहां चुपचुप तरीके से जारी थी। गुपचुप तरीके से काम की जानकारी मिलने के बाद संवाददाता कारोबारी बन जिंसी स्थिति स्लाटर हाउस पहुंचा। बाहरी गेट पर ताला लटका था लेकिन इसके परिसर में कई पशु बंधे हुए थे। कुछ दूर पर यहां दो कर्मचारी काम करते नजर आए।
स्लाटरिंग के बाद बचे हुए पशुओं के अवशेष को ये नाले में फेंकने और कुछ को छत पर ले जाने में लगे थे। इससे पहले कि यहां तैनात लोग कुछ जान पाते संवाददाता परिसर से बाहर आ गया। पिछले हिस्से में एक गेट नजर आया। जो यहां की बाउंड्री को तोड़ बनाया गया था। इसके पास ही कई वाहन खड़े मिले। स्लाटरिंग के बाद मांस को इनके जरिए ढोया जाता है।
स्लॉटरिंग की जगह मवेशी रात में कर रहे थे चौकसी
रात में यहां मुख्य काम चलता है। चोरी छिपे अवैध गतिविधियों को अंजाम दिया जाता है। रात में प्रवेश कर हालात देखने के लिए जब संवाददाता गया तो स्लाटर हाउस के बाहर ही लकड़ी जलाकर आने-जाने वालों की सूचना देने वालों कुछ लोग बैठे दिखे। इनमें से कुछ कारोबारी थे। ये जहां बैठे थे वहां से कोई व्यक्ति दूर से ही आता हुआ नजर आ रहा था।
‘अधिकारियों को पता है कट रहे जानवर’
स्लाटर हाउस का प्रबंधन नगर निगम करता है। नगर निगम दफ्तर में जिम्मेदार अधिकारी तो नहीं मिले लेकिन यहां तैनात क्लर्क एलके त्रिपाठी से बात की तो उन्होंने स्वीकार किया कि स्लाटर हाउस तो बंद है लेकिन पशु कट रहे हैं। यह कई अधिकारियों की जानकारी में है। इस स्लाटर हाउस का इंचार्ज अब्दुल रहमान है। मामले में अब्दुल रहमान से बात की तो वह बोले मेरे साथ चार कर्मचारी स्लाटर हाउस पर है, सफाई अमला जरूर अलग से व्यवस्था करता है। करीब डेढ़ माह से स्लाटर हाउस बंद है। जानवर कटने के मामले में मुझे कुछ नहीं मालूम है। आप विभाग इंचार्ज से ही पूछे।