दुनियाभर के डॉक्टर्स और एक्सपर्ट इस तथ्य की पुष्टि कर चुके हैं कि कोरोना को रोकने के लिए इम्यूनिटी यानि शरीर की प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होना जरूरी है. ओमिक्रॉन से बचने के लिए भी एक्सपर्ट इम्यूनिटी को मजबूत करने की सलाह देते आ रहे हैं. इम्यूनिटी को मजबूत करने के लिए लोग कई तरीके अपना भी रहे हैं.
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इसके बाद भी कई कारणों इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है या बनी रहती है. खंडवा के डा.प्रवीण महात्रे के मुताबिक अच्छी बात ये है कि इसके कुछ संकेत भी रहते हैं. इन संकेतों को पहचानकर अगर आप सतर्क हो जाएं और कमजोर इम्यूनिटी को मजबूत करने के प्रयास प्रारंभ कर दें तो कोरोना से बच सकते हैं. दरअसल इम्यूनिटी बढ़ने में काफी वक्त लगता है इसलिए इम्यूनिटी कमजोर होने के संकेत समझना और जरूरी हो जाता है.
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— इम्यूनिटी का संबंध आंत और पेट से होता है. एक्सपर्ट के अनुसार शरीर में लगभग 70% प्रतिरक्षा-बढ़ाने वाले ऊतक हमारी आंत में होते हैं. पेट की समस्याओं जैसे दस्त, सूजन, कब्ज आदि से लगातार पीड़ित होना कमजोर इम्यूनिटी का परिणाम हो सकते हैं.
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— कमजोर इम्यूनिटी का पहला संकेत अधिक तनाव है. एक्सपर्ट बताते हैं कि इम्यूनिटी पर सबसे अधिक प्रभाव तनाव का पड़ता है. अगर कोई अधिक तनाव लेता है, तो जाहिर सी बात है उसकी इम्यूनिटी काफी कमजोर रहेगी.
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— शरीर के घाव भरने में अधिक समय लगता है, तो यह भी कमजोर इम्यूनिटी का संकेत हो सकता है.
— रात में 7-8 घंटे की नींद लेने के बाद भी काफी सुस्त महसूस होना इम्यूनिटी कमजोर होने की निशानी हो सकती है.
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— वयस्कों को साल में 2-3 बार सर्दी-जुकाम होना आम बात है, लेकिन सर्दी जुकाम अधिक लंबे समय तक बना रहता है या बार-बार होता है तो ये कमजोर इम्यूनिटी के संकेत हैं.