सिकल सेल एनीमिया सामान्यत: आदिवासियों में पाई जाती है। इस बीमारी की सबसे बुरी बात यह है कि मरीजों का खून निचोड़ लेती है। एमपी में इसके नियंत्रण के लिए जेनेटिक काउंसलिंग कार्ड बनाए गए हैं। शादी के पहले दूल्हा और दुल्हन के कार्ड की जांच कर पता किया जा सकता है कि उनकी होनेवाली संतान सिकल सेल एनीमिया से तो पीड़ित नहीं होगी।
प्रदेश में अब तक 33 जिलों में 59 लाख लोगों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है। इस दौरान 20 हजार 556 सिकल सेल एनीमिया मरीज ट्रेस किए गए। स्क्रीनिंग में 1 लाख 34 हज़ार सिकल सेल वाहक भी पाए गए।
डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल ने बताया कि सिकल सेल एनीमिया को जड़ से समाप्त करने की कोशिश की जा रही है। अभी तक
32 लाख 37 हज़ार 842 सिकल सेल कार्ड वितरित किए जा चुके हैं। मरीजों को हाइड्रॉक्सीयूरिया, फोलिक एसिड दवाइयां बांटी जा रहीं हैं। कई एकीकृत उपचार केन्द्र बनाए गए हैं जहां सिकल सेल मरीजों का निःशुल्क रक्ताधान भी किया जाता है।
32 लाख 37 हज़ार 842 सिकल सेल कार्ड वितरित किए जा चुके हैं। मरीजों को हाइड्रॉक्सीयूरिया, फोलिक एसिड दवाइयां बांटी जा रहीं हैं। कई एकीकृत उपचार केन्द्र बनाए गए हैं जहां सिकल सेल मरीजों का निःशुल्क रक्ताधान भी किया जाता है।