दिल्ली में बैठक के लिए सीएम मोहन यादव, प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा और प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा को बुलाया गया है। कुछ अन्य नेताओं के भी बैठक में शामिल होने की बात कही जा रही है।
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शिवराज मंत्रिमंडल के ज्यादातर चेहरे बाहर होने की प्रबल संभावना—
इससे पहले तीन दौर की बैठकों में भोपाल में नामों की स्कूटनी हो चुकी है। इसकी प्रारंभिक सूची नड्डा के सामने प्रस्तुत की जाएगी। मोहन केबिनेट में पहली बार के विधायक भी रहेंगे। संतुलन के लिए कुछ वरिष्ठ नेता शामिल हो सकते हैं। शिवराज मंत्रिमंडल के ज्यादातर चेहरे बाहर होने की प्रबल संभावना है। गौरतलब है कि शिवराज सरकार के 12 मंत्री तो चुनाव ही हार चुके हैं।
सत्र 18 से, उससे पहले गठन संभव
अभी 14 सदस्यीय मंत्रिमंडल हो सकता है। इसका गठन दो तीन दिन में हो जाएगा। 18 दिसंबर से विधानसभा सत्र शुरु होना है। इस दौरान मंत्रिमंडल का गठन करके शपथ भी हो सकती है।
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सिंधिया खेमे को मिलेगा महत्व
मोहन सरकार के पहले ही मंत्रिमंडल में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक दो तीन मंत्री शामिल हो सकते हैं। बाकी दूसरे खेमों का भी संतुलन मंत्रिमंडल गठन में दिख सकता है।
जाति अंचल उम्र का संतुलन
जाति, अंचल और उम्र का संतुलन साधने की कोशिश है। इसके तहत भोपाल से एक मंत्री रहेगा। वहीं इंदौर और जबलपुर से भी एक एक मंत्री मिल सकते हैं। इसके अलावा हर अंचल में दो से तीन मंत्रियों को देने की कोशिश है। इसमें नए चेहरे को प्राथमिकता दी जानी है।