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भोपाल

शिवराज ने मोदी का संकल्प पूरा किया, मातृभाषा में शोध को मिलेगा प्रोत्साहन

शिवराज ने कहा कि हिन्दी में पढ़ाई करने वालों की मेरिट लिस्ट भी अलग बनेगी

भोपालOct 16, 2022 / 09:49 pm

दीपेश अवस्थी

शिवराज ने मोदी का संकल्प पूरा किया, मातृभाषा में शोध को मिलेगा प्रोत्साहन

शिवराज ने मोदी का संकल्प पूरा किया, मातृभाषा में शोध को मिलेगा प्रोत्साहन

भोपाल। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह (Amit shah) ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वैश्विक मंचों पर हिन्दी में बोलते हैं। शिक्षा नीति में प्राथमिक, तकनीकी और मेडिकल एजुकेशन में हिन्दी और अन्य भारतीय भाषाओं को प्राथमिकता दी जा रही है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह (Shivraj singh) चौहान ने मेडिकल की पढ़ाई हिंदी में प्रारंभ कर प्रधानमंत्री मोदी के इस संकल्प को पूरा किया है। इस कार्य के लिए मुख्यमंत्री चौहान, चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग सहित पूरी टीम और प्रदेश की जनता बधाई के पात्र हैं।
उन्होंने कहा कि शिक्षा के साथ-साथ मेडिकल और इंजीनियरिंग क्षेत्र में मातृभाषा में शोध और विकास को भी प्रोत्साहित किया जाएगा। देश में 8 भाषाओं में इन विषयों की पुस्तकों का अनुवाद आरंभ हो चुका है। अमित शाह ने रविवार को हिन्दी में मेडिकल की पढ़ाई के शुभारंभ कार्यक्रम में बोल रहे थे। इस मौके पर शाह ने हिन्दी भाषा में लिखी मेडिकल की तीन पुस्तकों का विमोचन भी किया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग, गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा सहित राज्य सरकार के अनेक मंत्री उपस्थित रहे।
शाह ने कहा कि बच्चे की सोचने की प्रक्रिया उसकी मातृभाषा में होती है। मातृभाषा की बात दिल तक जाती है जबकि अन्य भाषा की बात दिमाग तक। सोचने के साथ ही संशोधन, अनुसंधान, तर्क, विश्लेषण एवं निर्णय पर पहुंचने की प्रक्रिया मातृभाषा में होती है। बच्चों की पढ़ाई-लिखाई एवं अनुसंधान मातृभाषा में होने से भारत के विद्यार्थियों का डंका पूरे विश्व में बजेगा।
हिन्दी में पढ़ाई से विद्यार्थियों की बौद्धिक क्षमता बढ़ेगी
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि आज भारत में जेईई, एईईटी, यूजीसी की परीक्षाएँ 12 भाषाओं में देने की व्यवस्था की गई है। सीयूईटी की परीक्षा 13 भाषाओं में और 10 राज्यों में इंजीनियरिंग की परीक्षा भारतीय भाषाओं में देने के लिए कार्य प्रारंभ कर दिया है। सांकेतिक भाषा का मानकीकरण किया जा रहा है। हिंदी में पढ़ाई से विद्यार्थियों की बौद्धिक क्षमता बढ़ेगी और भाषाई लघु ग्रंथि (इन्फीरियरिटी कॉम्पलेक्स) से मुक्त होंगे। उन्होंने कहा कि भाषा और बौद्धिक क्षमता का संबंध नहीं है। भाषा अभिव्यक्ति का साधन है। मातृभाषा में शिक्षा से बौद्धिक क्षमता निखरती है।

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