आपको बता दें कि राज्य के अधिकारियों-कर्मचारियों को सातवां वेतनमान देने संबंधी निर्णय के लिए भेजे प्रस्ताव में पेंशनर का मामला भी शामिल था, पर अब तक इस पर कोई निर्णय नहीं हो सका। इसको लेकर पेंशनरों में अपनी आपत्ति भी दर्ज कराई थी। जिम्मेदारों ने नाम का छापने की शर्त पर बताया है कि पेंशनर्स के लिए सातवें वेतनमान के लाभ को लेकर तैयारी हो चुकी है। मुख्यमंत्री की हरी-झंडी मिलते ही कैबिनेट के लिए प्रस्ताव भेज दिया जाएगा।
जानें ये भी * वित्त विभाग के मुताबिक छत्तीसगढ़ ने 2.57 के फॉर्मूले से पेंशनरों को सातवां वेतनमान देने पर सहमति जताई है।
* इस संदर्भ का एक पत्र विभाग को मिल गया है।
* सातवें वेतनमान के तहत 1 जनवरी 2016 के बाद सेवानिवृत्त होने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों को पेंशन देने का फैसला किया जा चुका है।
* हालांकि ग्रेच्युटी केंद्र के नए फॉर्मूले से देना है या पुरानी व्यवस्था से, ये सरकार को तय करना अभी बाकी है।
* पुराने हिसाब से गे्रच्युटी 10 लाख रुपए मिलेगी और नए फॉर्मूले में 20 लाख रुपए या साढ़े 16 माह का वेतन, जो कम हो, दिया जाएगा।
* छत्तीसगढ़ से सहमति मिलने के बाद अब वेतनमान का लाभ देने संबंधी फैसला सरकार को करना है।
* जानकारी के मुताबिक पिछले दिनों वित्त मंत्री जयंत मलैया ने पेंशनर्स संगठन से जुड़े कुछ प्रतिनिधियों को अपने घर बुलाया था।
* उन्होंने अपनी विभिन्न मांगों पर बात करने से पहले मिठाई खिलाई और संकेत दिए कि सरकार का रवैया सकारात्मक है और जल्द ही फैसला भी आएगा।