उपनेता प्रतिपक्ष ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके दिखाए कागज
उपनेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे ने कागज दिखाते हुए कहा कि नियुक्ति 29 अक्टूबर 2016 में की गई है। मंत्री जी के निजी सहायक को प्रतिलिपि दी गई। कटारे ने भूपेंद्र सिंह के हस्ताक्षर नोटशीट में दिखाई। जिसमें अनुकंपा नियुक्ति में सौरभ शर्मा की नियुक्ति प्रकरण अभिभक्त करें लिखा हुआ था। साथ ही कलेक्टर के 12/08/2016 का पत्र दिखाया। पत्र में मंत्री का नाम नहीं है, लेकिन पत्र को संज्ञान में लिया गया। इसके अलावा सौरभ शर्मा की स्वास्थ्य विभाग, परिवहन में क्यों नियुक्ति मिली। जबकि अनुकंपा का नियम होता है कि अगर परिवार का कोई सदस्य सरकारी नौकरी में है। तो उसको सरकारी नियुक्ति नहीं मिलेगी।
भूपेंद्र सिंह की बाजार में 10 हजार कीमत
आगे हेमंत कटारे ने आरोप लगाते हुए कहा सौरभ शर्मा के परिवार में लोग सरकारी नौकरी में थे। नियम तो ये कहता है कि अगर विभाग ने जगह नहीं है तो उसको कॉन्ट्रैक्चुअल बेस में नौकरी दी जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। वह आजकल 10 करोड़ रुपए का मानहानि का नोटिस देकर दवाब बना रहे हैं। मैंने एक प्राइवेट कंपनी से सर्वे कराया तो उसमें पता चला कि अधिकतम उनके मान की कीमत 10 हजार रुपए है। हम भी वर्तमान में 10 हजार रुपए से ज्यादा नहीं देंगे। भूपेंद्र सिंह पर एफआईआर दर्ज होनी चाहिए। इनके साथ जो दूसरे लोग शामिल हैं। उन पर भी एफआईआर दर्ज होनी चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि अपने ही पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष को चुनौती दे रहे हैं। अपने एक मंत्री को जेल भेजने की बात करते हैं। भाजपा को तत्काल नोटिस जारी करके उन्हें बर्खास्त कर देना चाहिए।