दरअसल, टिकट कटने के बाद एक दिन पहले मीडिया में खबरें सामने आईं थी, जिसमें साध्वी प्रज्ञा के हवाला देकर कहा गया था कि, उन्होंने कहा है कि ‘हो सकता है मेरे शब्द मोदी जी को पसंद ना आए हों’। उनकी ये प्रतिक्रिया भी प्रदेशभर में खासा चर्चा में रही, जिसकी पुष्टि करने के लिए मीडिया ने आज एक बार फिर जब उनसे इसपर जवाब मांगा तो वे नाराज हो गईं। साध्वी प्रज्ञा ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ‘मैं मीडिया से हाथ जोड़ती हूं, हम जो बोलते हैं आप उसे तोड़ मरोड़ कर दिखाते हो। मैं बोलती कुछ हूं और टीआरपी के लिए कुछ और ही चला देते हो। आप लोग हमें बदनाम करने का काम करते हो, जो हमें पसंद नहीं।’
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उन्होंने आगे कहा कि ‘हमें बदनाम करके आप लोग कुछ नहीं कमा पाओगे। जितनी टीआरपी आपको बटोरनी थी, हमारे राजनीतिक 5 वर्षों में आपने बटोर ली। हम प्रचारित होने का शौक नहीं रखते। आप लोग हमारे बयान हमेशा विवादित बयान कहकर चलाते हैं। मैंने कुछ भी नहीं कहा, उसके बाद भी कह दिया कि भड़की प्रज्ञा ये भी कोई बात है।’ उन्होंने आगे ये भी कहा कि ‘अब से मैं मीडिया से सीदे कोई बात नहीं करूंगी, मैरी ओर से जो भी जानकारी दी जाएगी अपने स्वयं के मीडिया के जरिए ही जाएगी, जिसे वो जानकारी चाहिए ले और जिसे नहीं चाहिए हो न ले।’
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इसपर मीडिया द्वारा उनसे सवाल किया गया कि क्या आपने मीडिया से ऐसा कहा है कि मोदी जी आपको मन से माफ नहीं कर पाए। इसपर जवाब देने के बजाए प्रज्ञा ठाकुर ने भागवत गीता का श्लोक सुनाते हुए कहा कि ‘मैं एक श्लोक पढ़ती हूं, इसका अर्थ आप निकाल लेना- भगवान कृष्ण ने गीता में कहा है, ‘सुखदुःखे समे कृत्वा लाभालाभौ जयाजयौ ततो युद्धाय युज्यस्व नैवं पापमवाप्स्यसि’ अब आप लोग इसका अर्थ निकालते रहना मैंने तो कह दिया। हालांकि, गीता के इस श्लोक का भावार्थ ये है कि ‘जय-पराजय, लाभ-हानि और सुख-दुख को समान समझकर, उसके बाद युद्ध के लिए तैयार हो जा, इस प्रकार युद्ध करने से तू पाप को नहीं प्राप्त होगा।’
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अपने विवादित बयानों को लेकर हमेशा चर्चा में रहने वाली प्रज्ञा ठाकुर ने वैसे तो टिकट न मिल पाने का ठीकरा मीडिया के ऊपर डाल दिया है, लेकिन कुछ समय पहले उन्होंने एक ऐसा बयान भी दिया था, जिसपर पीएम मोदी द्वारा भी उनके बयान की आलोचना की गई थी। पीएम ने अपनी ओर से प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि वो उन्हें कभी माफ नहीं कर सकेंगे। दरअसल उन्होंने महात्मा गांधी की हत्या करने वाले नाथुराम गोडसे को सच्चा देशभक्त बता दिया था। उनके इस बयान से विपक्ष के साथ-साथ पार्टी के भीतर भी आलोचनाएं होनी शुरु हो गईं थीं। यहां तक की पीएम मोदी ने भी उसपर अपनी प्रतिक्रिया दी थी।