जबलपुर की बेटी रूबीना फ्रांसिस ने शनिवार को पेरिस में अपना हुनर दिखाया। पैरालिंपिक-2024 में भारत की निशानेबाजी टीम का प्रतिनिधित्व करते हुए उन्होंने पी2 10 मीटर एयर पिस्टल एसएच1 इवेंट में कांस्य पदक जीता। स्पर्धा में ईरान की एस जवनमार्दी ने स्वर्ण तथा तुर्की की ए ओजगन ने रजत पदक जीता।
रूबीना फ्रांसिस पेरिस पैरालिंपिक Paris Paralympics 2024 से पहले भी कई अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट्स खेल चुकी हैं। वे वर्तमान में आयकर विभाग में निरीक्षक हैं। पैरालिंपिक में कांस्य जीतकर वे अब देश की सबसे सफल दिव्यांग निशानेबाज बन गई हैं।
अंतरराष्ट्रीय पैरा निशानेबाज रूबीना का बचपन बहुत तंगी में बीता। उनके पिता साइमन गाड़ी मिस्त्री का काम करते थे। रूबीना के दोनों पैर जन्म से ही टेढ़े थे। मां पिता ने खूब इलाज कराया लेकिन पैर पूरी तरह ठीक नहीं हो सके। सेंट अलायसियस स्कूल पोलीपाथर में अध्ययन के दौरान सन 2014 में एक शूटिंग अकादमी की प्रतिभा खोज चयन प्रतियोगिता से रूबीना निशानेबाजी जुड़ गईं। अकादमी ने उन्हें निशुल्क प्रशिक्षण दिया।
रूबीना अभी तक करीब आधा दर्जन अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में देश का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं। वे एमकाम कर रही हैं। 16 अगस्त को ही उन्हें आयकर विभाग में निरीक्षक बनाया गया और पहली पोटिंंग मुंबई में दी गई है।