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भोपाल

बीस हजार स्ट्रीट लाइट लगी, दो सौ करोड़ खर्च फिर भी शहर में कायम है अंधेरा

अनदेखी: सुधार के लिए नगर निगम को हर रोज पहुंच रहीं दर्जनों शिकायतें, लोगों ने कहा टोल फ्री नंबर पर इन्हें दर्ज करने से किया जा रहा इंकार
 

भोपालAug 23, 2021 / 12:52 am

शकील खान

बीस हजार स्ट्रीट लाइट लगी, दो सौ करोड़ खर्च फिर भी शहर में कायम है अंधेरा

बीस हजार स्ट्रीट लाइट लगी, दो सौ करोड़ खर्च फिर भी शहर में कायम है अंधेरा

भोपाल. दानिश नगर में बीते कई दिनों से स्ट्रीट लाइट बंद है। यहां कई बार शिकायतें हो चुकी है। रहवासियों के मुताबिक इसे कोई दर्ज तक नहीं कर रहा है। न तो बिजली कंपनी सुनवाई कर रही है और न ही नगर निगम के अधिकारी। पूरी रात कॉलोनी में अंधियारा रहता है।
कटारा हिल्स स्थित कॉलोनी में भी पूरी रात इलाका अंधेरे में डूबा रहता है। यहां करीब चार सौ परिवार हैं। इलाके में स्ट्रीट लाइट तो लगी है लेकिन बत्तियां बंद हैं। जबकि नगर निगम यहां से सभी टैक्स वसूल कर रहा है।
शहर को स्मार्ट सिटी में तब्दील करने करीब दो सौ करोड़ रुपए खर्च होने के बाद कई जगह अंधियारा है। लाइट तो लगी हैं लेकिन सुधार करने वाला कोई नहीं। स्मार्ट सिटी की ओर से शहर में 20 हजार स्ट्रीट लाइट लगी हैं। लेकिन रोशन नहीं हो रही हैं। बताया गया संबंधित एजेंसी को बिल की सालाना करीब 60 करोड़ रुपए राशि दी जाती है। मामले में जानकार बताते हैं कि कुछ स्थानों पर ये जानबूझकर भी हो रहा है। निगम पर बिजली का बिल बकाया है। ये और न बढ़े इसके चलते कई हिस्सों में लाइट चालू नहीं की जाती।
बिजली के खंभे लगाकर छोड़ दिए
नव निर्मित कॉलोनियों में लाइट को लेकर समस्या ज्यादा है। करोद क्षेत्र में करीब छह कॉलोनियों में ये हाल हैं। बताया गया नगर निगम से एपू्रव नहीं हैं। यहां टैक्स तो लिया जाता है लेकिन उजाला नहीं हो रहा है।
विभागों के विवादों में
उलझा मामला

जानकारी के मुताबिक शहर में करीब 70 हजार स्मार्ट लाइट्स लगी हैं। ये नगर निगम, स्मार्ट सिटी, पीडब्ल्यूडी, सीपीए, निजी व हाउसिंग बोर्ड-बीडीए के बीच बंटी हुई हैं। ऐसे में इनके रखरखाव को लेकर भी जिम्मेदारी सभी की अलग-अलग है। इसी के चलते शिकायतों का निराकरण नहीं हो पा रहा है। इस मामले में कुछ रास्तों पर सीपीए और निगम के बीच विवाद की स्थिति भी बन चुकी है। इनमें एम्स रोड और अलकापुरी रोड प्रमुख हैं। विवाद के चलते लंबे समय तक यहां अंधेरा रहा।
जहां तक नए खंभे और उपकरण लगाने की बात होती है, हम अभी वो नहीं कर पा रहे। बल्ब, ट्यूब लाइट्स वगैरह तो लगाई जा रही हैं। एलइडी लाइट्स स्मार्ट सिटी लगाती है, मेंटेनेंस भी वही करती है।
प्रेमशंकर शुक्ला,
प्रवक्ता नगर निगम

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