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प्ले स्कूल से लेकर ग्रेजुएशन तक की जारी है पढ़ाई
मध्य प्रदेश की जेलों में अब भी सिलसिलेवार कक्षाएं लगाकर पढ़ाई की जा रही है। यहां रोजाना बदस्तूर अपने तय समय पर क्लास लग रही है। इनमें प्ले स्कूल की कक्षाओं से लेकर कॉलेज की कक्षाएं भी लग रही हैं। दरअसल, जेल में बंद कैदी छात्र-छात्राएं या महिला कैदियों के साथ जेल में रह रहे उनके बच्चों की पढ़ाई की व्यवस्था होती है। बता दें कि, जेलों में कैद महिला कैदियों के बच्चों की पढ़ाई हो या फिर पुरुष और महिला कैदी की पढ़ाई, इसपर कोरोना का कोई असर नहीं है। जेल में महिला कैदियों के बच्चे बकायदा अपनी पढ़ाई कर रहे हैं। वहीं, महिला और पुरुष कैदियों की 8वीं 10वीं 12वीं और ग्रेजुएशन की पढ़ाई जेलों में सिलसिलेवार जारी है।
पढ़ाई में सोशल डिस्टेंस
जेल अधीक्षक दिनेश नरगावे के मुताबिक, जेल में कक्षाएं लगाकर पढ़ाई की व्यवस्था जारी है। हालांकि, बस अब सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन रखने का पालन किया जा रहा है। पढ़ाई करने वाले कैदी से लेकर टीचर तक सब कोरोना से बचाव के लिए पर्याप्त फासला बनाकर ही कक्षा में बैठते हैं। साथ ही, सभी छात्रों को मास्क पहनने पर ही कक्षाओं में बैठने की अनुमति दी जाती है। महिला कैदियों के बच्चे भी पढ़ाई के दौरान मास्क पहनकर आते हैं। कैदियों को पढ़ाने बाहर से भी टीचर आते थे, लेकिन लॉक डाउन की वजह से अब उनका आना बंद है। इसलिए अब सीनियर कैदी ही अपने जूनियर कैदियों को पढ़ा रहे हैं। इसके अलावा जेल स्टाफ भी पढ़ाई में मदद करता है।
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जेल में प्ले स्कूल
5 साल से कम उम्र के बच्चों को उनकी मां के पास जेल में ही रखा जाता है। बाकी जेलों की तरह भोपाल सेंट्रल जेल में महिला कैदियों के बच्चों के प्ले स्कूल की व्यवस्था जेल के अंदर ही की गई है। इस क्लास में बच्चों को पढ़ाने के लिए टीचर और प्ले स्कूल की तर्ज पर खिलौने भी रखे गए हैं। बता दें कि, भोपाल जेल में इस वक्त महिला कैदियों के 13 बच्चे रह रहे हैं। इसके अलावा, कक्षा 8वीं से लेकर ग्रेजुएशन तक यहां करीब 500 कैदी पढ़ाई कर रहे हैं।