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भोपाल

कैबिनेट का बड़ा फैसला- सरकारी या निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर होगी वसूली

संपत्ति को नुकसान पहुंचाया तो भरना होगा दोगुना हर्जाना , विधानसभा में रखा जाएगा विधेयक

भोपालDec 16, 2021 / 03:56 pm

deepak deewan

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भोपाल. मध्यप्रदेश में अब दंगों के दौरान सरकारी या निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर उसकी वसूली की जाएगी. इस संबंध में बनाए गए विधेयक को कैबिनेट ने अनुमोदित कर दिया है. गुरुवार को हुई बैठक के बाद गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कैबिनेट के इस फैसले की जानकारी देते हुए बताया कि अब यह विधेयक विधानसभा में रखा जाएगा।

मध्यप्रदेश लोक एवं निजी संपत्ति को नुकसान का निवारण एवं नुकसानी की वसूली विधेयक 2021 को कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है. इसके अंतर्गत सांप्रदायिक दंगों, हडताल, बंद, प्रदर्शन, जुलूस आदि में व्यक्ति या व्यक्तियों के समूह द्वारा की गई सरकारी अथवा निजी संपत्ति की नुकसानी की वसूली की जा सकेगी. वर्तमान हालातों में यह बेहद महत्वपूर्ण विधेयक है.

विधेयक में लोक व्यवस्था की अशांति के दौरान संपत्तियों को पहुंचाए गए नुकसान की वसूली तथा किए गए नुकसान का निर्धारण करने तथा प्रतिकर अधिनिर्णित कर नुकसान करनेवाले आंदोलनकारियों, प्रदर्शनकर्ताओं से प्रतिकर की वसूली हेतु दावा अधिकरण का गठन करने की बात भी कही गई है.

विधेयक के मुख्य प्रावधान
— इस विधेयक के अनुसार ऐसी समस्त सरकारी अथवा निजी संपत्ति की नुकसानी की वसूली की जा सकेगी जो सांप्रदायिक दंगों, हडताल, बंद, प्रदर्शन, जुलूस या व्यक्तियों के समूह द्वारा की गई है. इनमें केंद्र, राज्य सरकार, स्थानीय निकाय के साथ ही सहकारी संस्थाओं, कंपनियों आदि की संपत्ति नुकसानी भी शामिल है

— राज्य सरकार द्वारा ऐसे क्षेत्र तथा ऐसी अवधि के लिए दावा अधिकरण का गठन अधिसूचित कर सकेगी जो इस विधेयक में उल्लेखित सरकारी या निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने के संबंध में प्रतिकर नियत कर सकें.

— राज्य सरकार द्वारा निवृत जिला जज एवं राज्य सरकार से सेवानिवृत सचिव को दावा अधिकरण में नियुक्त किया जा सकेगा.

— सरकारी संपत्ति पर जिला मजिस्ट्रेट अथवा कार्यालय प्रमुख द्वारा तथा निजी संपत्ति की नुकसानी पर संपत्ति का मालिक या संपत्ति का नियंत्रणकर्ता आयोग के समक्ष 30 दिन में आवेदन कर सकेंगे.

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— अधिकरण में ऐसे क्लेम कमिश्नर को नियुक्त किया जा सकेगा जो उसे नुकसानी के संबंध में जांच में मददगार हो सके.

— दावा अधिकरण द्वारा अवार्ड पारित कर नुकसानी की वसूली संपत्ति को नुकसान करनेवाले व्यक्ति के साथ ही ऐसे नुकसान पहुंचानेवाले काम को उकसानेवाले अथवा उत्प्रेरित करनेवाले व्यक्तियों से भी किया जा सकेगा. मूल नुकसानी की 2 गुना तक के अवार्ड पारित कर सकेंगे. साथ ही अवार्ड पारित होने के 15 दिवस में भुगतान नहीं होने पर ब्याज तथा आवेदनकर्ता को अधिकरण में प्रकरण में हुए खर्चे की वसूली के आदेश देने के भी अधिकार होंगे.
— अधिकरण का हर्जाना, मुआवजे का निर्धारण यथासंभव आवेदन करने के 3 माह में करना आवश्यक होगा.

— अधिकरण को कोड आफ सिविल प्रोसिजर 1908 के अंतर्गत सिविल कोर्ट के अधिकार एवं शक्तियां वेष्ठित होंगी.
— अधिकरण के द्वारा नुकसानी की वसूली का अवार्ड घोषित किए जाने के 15 दिवस में राशि जमा नहीं करने पर आयोग जिला कलेक्टर को प्रमाणपत्र जारी कर सकेंगे. जिला कलेक्टर भू राजस्व के बकाया की वसूली हेतू संबंधितों की चल अचल संपत्ति की कुर्की एवं नीलामी कर उक्त राशि वसूल कर हर्जाना, नुकसानी का अवार्ड अनुसार जिन्हें नुकसानी हुई है, उन्हें विधिवत भुगतान करेंगे.
— पुलिस द्वारा अपराध घटित होने पर अपराध की कार्यवाही इस अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार बाधित नहीं होेगी.
— आयोग के आदेश केवल उच्च न्यायालय में अवार्ड पारित होने के 90 दिन में चैलेंज किए जा सकेंगे.
कैबिनेट में लिए गए अन्य प्रमुख फैसले-
— 9373 करोड़ की 6 हजार 117 गांव में टोंटी से शुद्ध पेयजल पहुंचाने की परियोजना को अनुमोदित किया।
— नर्मदा जयंती और शिवरात्रि के पर्व को भव्य तौर पर मनाया जाएगा।
— तेजस्विनी योजना में महिला बाल विकास विभाग के स्व सहायता समूह में एकीकरण किया जाएगा। कैबिनेट ने दी मंजूरी।
— लोक अभियोजन अधिकारियों के पदों को PSC के द्वारा भरने पर कैबिनेट द्वारा मंजूरी दी गई।

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