बता दें कि मध्यप्रदेश बाल संरक्षण अधिकार आयोग की सदस्य डॉ. निवेदिता शर्मा ने अवैध मदरसा संचालन की भनक लगने पर जांच की थी। उनके निरीक्षण में एक अवैध मदरसे में लड़कियों के कमरों में कैमरे लगे पाए गए। यहां दूसरे राज्यों से लड़कियों को लाकर रखा गया था लेकिन उनको स्कूल नहीं भेजा जा रहा है।
डॉ. निवेदिता शर्मा ने प्रशासन को यह जानकारी दी तो एडीएम डॉ. शालिनी श्रीवास्तव को मदरसे की जांच के लिए भेजा गया। एडीएम ने निरीक्षण किया और बाद में मीडिया को बताया कि मदरसे के कमरों से कैमरे हटा लिए गए हैं। लेकिन उन्होंने डीवीआर जब्त नहीं की। इसपर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने सख्त ऐतराज जताया।
डॉ. निवेदिता शर्मा ने खाचरौद रोड पर बने दारुल उलूम आयशा सिद्धीका तिलबिनात मदरसे का निरीक्षण किया था।
यहां करीब तीन दर्जन बच्चियां फर्श पर सोती पाई गईं। एक बच्ची को तो तेज बुखार था। मदरसे में उनकी सुविधा के कोई इंतजाम नहीं थे। सबसे बुरी बात तो यह है कि मदरसे में सीसीटीवी कैमरे ऐसी जगह भी लगाए गए थे जहां बच्चियों की प्राइवेसी का ध्यान रखकर इन्हें लगाया जाना गैरजरूरी था। डॉ. निवेदिता ने इस पर जमकर नाराजगी जताई और कार्रवाई के निर्देश दिए।