प्राण प्रतिष्ठा में कितना लगेगा समय
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी 2024 की दोपहर 12.20 से शुरू होकर 1.00 बजे तक पूरी हो जाएगी। फिर सभी महानुभाव, विशिष्ठ जन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भागवत और मुख्यमंत्री योगी अदित्यनाथ मनोभाव व्यक्त करेंगे। इस दौरान नृत्यगोपाल दास महाराज आशीर्वाद भी देंगे, जिसमें करीब 75 मिनट समय लग सकता है। प्राण प्रतिष्ठा के लिए प्रयागराज, गोकर्ण, नर्मदा, गोदावरी आदि जगहों का जल और रज लाया गया है।
ये वाद्य यंत्र होंगे गुंजायमान
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल की डमरू वादन टीम इस दौरान डमरू वादन करेगी। बता दें कि, ये देशकी एकमात्र डमरू वादन 108 सदस्यों की टीम है, जिसे राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दौरान डमरू वादन के लिए आमंत्रित किया गया है। इसके अलावा देशभर के अलग अलग राज्यों से भी वीणा सुंदरी, मर्दल, संतूर, पुंग, नगाड़ा, काली, तंबूरा, पखावज, बांसुरी, शहनाई, रावण हत्ता, श्रीघोलसरोद, सितार, संतार, नागस्वर, मृदंग हुड़का आदि वाद्य यंत्रों का वादन करने वाले कलाकारों का चयन कर आमंत्रित किया गया है। प्रवेश के समय वादन किया जाएगा। लेकिन, प्राण प्रतिष्ठा के मंत्रोच्चार और देश के उद्बोधन के समय सभी वाद्य यंत्र बंद रहेंगे।
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बंद किए जाएंगे दर्शन
प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए मंदिर परिसार में तैयारियां जोर शोर से की जा रही हैं। पूरे परिसर को सजाया जा रहा है। इसी के चलते 20-21 जनवरी को आम जन के लिए दर्शन भी बंद किए जा सकते हैं। बता दें कि मौजूदा समय में 25 से 30 हजार लोग रोजाना यहां रामलला के दर्शन करने आते हैं 23 तारीख से सभी के लिए भगवान के दर्शन द्वार खोल दिए जाएंगे। यज्ञशाला परिसर में प्रवेश के ईशानकोण पर है। गणेश शास्त्री, लक्ष्मीकांत दीक्षित के निर्देशन में पूजा का कार्यक्रम तैयार किया गया है। सूर्यास्त 5.47 बजे होगा, 6 बजे के बाद घर के बाहरी दरवाजे पर पांच दीपक प्रभु के लिए जलाने की अपील की गई है।
अल्पाहार और भोजन की व्यवस्था रहेगी
प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में भीतर ही अल्पाहार और भोजन की व्यवस्था रहेगी। शाम तक कार्यक्रम में भीतर ही रहना होगा, जब तक गणमान्य वहां रहेंगे। भीतर ही प्रसाधन, स्वास्थ्य के लिए जरूरी इंतजाम हैं। 22 तारीख को 25 से अधिक चार्टर्ड प्लेन अयोध्या आएंगे।
दुनिया के 50 देशों से आ रहे लोग
दुनिया के 50 देशों से एक-एक संगठन के एक व्यक्ति को चुना गया है, यानी 53 लोग करीब आएंगे। प्रयास रहेगा जो व्यक्ति जिस दिन आया वो दर्शन करके लौटे। परिस्थिति के अनुसार दर्शन का समय रात्रि में बढ़ाया जाएगा। 22 जनवरी सभी गृहस्थों, संतों के दर्शन के साथ मीडिया को भी मौका मिल सकता है, हालांकि अभी विचाराधीन है।
नेपाल और छत्तीसगढ़ से भी आई भेंट
मिथिला क्षेत्र में दक्षिणी नेपाल के जनकपुर, वीरगंज से 1000 टोकरों में भेंट आया है, वर पक्ष के लिए अन्न, वस्त्र, मेवा, सोना चांदी भी आया है। माता जानकी के जन्मस्थान, ननिहाल छत्तीसढ़ से भार लेकर लोग आए हैं। जोधपुर से साधु बैलगाड़ी पर गोशाला का घी लेकर आए हैं।