मूसलाधार बारिश की वजह से उज्जैन में शिप्रा नदी ऊफान पर है। घाट किनारे बने मंदिरों को भी अपने आगोश में ले ली है। नदी किनारे बसे इलाकों में पानी घुस गया है। वहीं नदी के आसपास रहने वाले लोग भयभीत हैं। नदी के सभी स्टॉप डैम ओवर फ्लो रहे। वही राम घाट और छोटा पुल करीब 4 फीट तक जलमग्न रहा। प्रशासन ने जहां नदी के आसपास के गांव में अलर्ट जारी किया है। वहीं डूब प्रभावित पुलिस पर आवाजाही प्रतिबंधित की है।
मध्यप्रदेश की सबसे प्रमुख नदी नर्मदा पूरे ऊफान पर है। नर्मदा नदी का पानी कई शहरों में भी घुस गया है। कई जगहों पर बने पुल को भी नर्मदा पार करने को बेताब दिख रही है। मंडल में तो हाल ही में बना पुल डूब गया है। होशंगाबाद के कई इलाकों में भी नर्मदा का पानी घुस गया है।
मंदसौर में चंबल नदी भी लबालब है। चंबल नदी पर बने गांधी सागर डैम के दस गेट खोल दिए गए हैं। जिसमें तीन बड़े और सात गेट खोल दिए गए हैं। वहीं इस इलाके में प्रशासन का अलर्ट जारी है। ऐसे में एहतियातन प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
हरदा में अजनाल नदी भी उफान पर है। हालात ऐसे हैं कि लोगों को घरों से निकलना मुश्किल हो गया है। बाढ़ की वजह से कई रास्ते भी बंद हो गए हैं और जिलों का संपर्क टूट गया है। जिससे लोगों को काफी परेशानी हो रही है। लोगों को अस्पताल तक पहुंचने के लिए रेलवे ट्रैक का सारा लेना पड़ रहा है, क्योंकि हर तरफ से सिर्फ पानी ही पानी है।
नर्मदा ऊफान पर है, इसलिए उस पर बने सारे डैम भी लबालब हैं। खंडवा में ओंकारेश्वर बांध के 18 गेट खोले हैं। भारी बारिश की वजह से नर्मदा का पानी मोरटक्का पुल पर आ गया था। इससे इंदौर-इच्छापुरा हाइवे को बंद कर दिया गया था।
गौरतलब है कि अगर देश के दस जगहों की बात करें तो मध्यप्रदेश के छह स्थानों पर सबसे ज्यादा बारिश हुई है। टॉप पर मध्यप्रदेश का सिवनी है। उसके बाद बैरागढ़ है। इसके साथ ही मध्यप्रदेश के रायसेन, सागर, नरसिंहपुर और होशंगाबाद में भी बारिश हुई है। इसके साथ ही मौसम विभाग ने फिर से अत्याधिक बारिश को लेकर अलर्ट जारी किया है।