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भोपाल

सरकारी सब्सिडी के बावजूद बिजली में 10 प्रतिशत का नुकसान, ये हैं कारण!

सरकार से 17 हजार करोड़ सब्सिडी : उपभोक्ताओं से 21 हजार करोड़ रुपए नहीं वसूल पाती विद्युत कंपनियां…
घाटा निर्धारित मानक से भी ज्यादा…

भोपालAug 26, 2019 / 11:11 am

दीपेश तिवारी

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भोपाल। मध्य प्रदेश में बिजली के घाटे ने बिजली कंपनियों की भूमिका पर एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं। बिजली कंपनियों का घाटा निर्धारित मानक से औसत 10 फीसदी ज्यादा पाया गया है।
नतीजा ये रहा कि बिजली नियामक आयोग को आगामी साल के लिए भी घाटे के पैमाने ज्यों के त्यों रखने पड़े हैं। इसके तहत 2018-19 के हानि मापदंड को ही 2019-20 के लिए मंजूर कर दिया गया है। जबकि, नियमानुसार निर्धारित मापदंडों पर तीन साल तक लगातार घाटा काबू न करने के कारण कंपनियों पर जुर्माने की स्थिति बनती है।
बिजली महकमा बिजली कंपनियों को खत्म करके अथॉरिटी बॉडी गठित करने के प्रस्ताव पर काम कर रहा है। ऐसे में बिजली कंपनियों की विफलता फिर सामने आ गई है।

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बिजली कंपनियों को नए टैरिफ डाटा के तहत 2017-18 के नुकसान में तय मानक से 10 फीसदी घाटा अधिक हुआ है।
जबलपुर स्थित पूर्व क्षेत्र कंपनी का अधिकतम घाटा 17 और भोपाल स्थित मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी का अधिकतम घाटा 18 फीसदी तय किया गया था, लेकिन पूर्व क्षेत्र में 27.05 फीसदी और मध्य क्षेत्र में 37.51 प्रतिशत घाटा दर्ज किया गया है। महज इंदौर स्थित पश्चिम क्षेत्र कंपनी की स्थिति ठीक है। पश्चिम क्षेत्र में तय मानक 15.50 फीसदी के थे, जबकि घाटा 16.63 फीसदी दर्ज किया गया है।
पिछले 15 सालों में भाजपा सरकार के समय बिजली सेक्टर में बहुत गड़बडिय़ां हुई हैं, जिसके कारण नुकसान बढ़ता गया। अब बिजली के घाटे को काबू में करने के प्रयास हो रहे हैं।
– प्रियव्रत सिंह, ऊर्जा मंत्री
पेश नहीं किए डाटा
तीनों विद्युत वितरण कंपनियों ने नुकसान के 2018-19 के अंतिम डाटा पेश नहीं किए। इससे 2018-19 के नुकसान के पैमाने को ही वित्तीय सत्र 2019-20 के लिए मान्य कर दिया गया है। बिजली कंपनियां सब्सिडी का भी जमकर फायदा उठा रही हैं।
इन कंपनियों को कुल कमाई की जरूरत ही 37 हजार करोड़ रुपए सालाना की है, इसमें से 17 हजार करोड़ तो सरकार से सब्सिडी ले लेती हैं। बाकी करीब 21 हजार करोड़ ही जनता से वसूलना होते हैं, लेकिन इसमें वह फेल हो जाती हैं। 17 हजार करोड़ की सब्सिडी में 80 फीसदी राशि खेती के फीडर की है। इस बार एक रुपए में 100 यूनिट तक बिजली की योजना के कारण 770 करोड़ रुपए इस सब्सिडी में शामिल हुए हैं।
इधर, बिजली बिल कम करने 15 सितंबर से शिविर
ऊर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह ने तीनों विद्युत वितरण कंपनियों के प्रबंध संचालकों को 15 सितंबर से 15 अक्टूबर तक कम से कम तीन उपभोक्ता शिविर लगाने के आदेश दिए हैं।
इन शिविरों में बिजली बिल सहित अन्य समस्याओं का समाधान किया जाएगा। शिविर में रेंडम तरीके से बिजली बिलों की चेकिंग भी होगी। गलत या अधिक बिल मिलने पर उपभोक्ता को राहत देने के साथ जवाबदेह पर कार्रवाई की जाएगी।
मंत्री ने कहा कि शिविर की कार्रवाई का प्रतिवेदन 21 अक्टूबर तक तलब किया है। ट्रिपिंग की समस्या पूरी तरह दूर की जाए। मंत्री ने सागर के गांव कड़ता में बिजली तार टूटने से करंट से बीस गायों की मौत पर दु:ख व्यक्त किया है। गायों के मालिकों को आर्थिक सहायता के निर्देश दिए हैं।

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