धर्मस्व विभाग ने 10 हजार रुपए तक प्रतिपूर्ति देने की शुरूआत की थी, लेकिन यह व्यवस्था 2017 से बंद है। 2023 में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 25 हजार रूपये देने की घोषणा की थी, हालांकि इसके बाद भी 2023-2024 में राशि नहीं मिली। इस बार अनुदान के लिए सिंधी अकादमी विभाग के लगातार संपर्क में हैं।
बता दें मध्यप्रदेश से करीब 200 यात्रियों का लद्दाख स्थित सिंधु दर्शन यात्रा के लिए चयन किया जाता है। पूर्व में मध्यप्रदेश के मूल निवासी को सिंधु दर्शन तीर्थ-यात्रा योजना का लाभ दिया जाता था। प्रदेश का धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग कलेक्टर के माध्यम से इसके लिए आवेदन मंगाता था।
सिंधु दर्शन यात्रा के लिए इस बार उपलब्ध कोटे के अनुसार यात्रियों का चयन किया जाएगा। निर्धारित कोटे से अधिक संख्या में आवेदन प्राप्त होने पर कप्यूटराइज्ड ड्रा ऑफ लॉटस द्वारा यात्रियों का चयन किया जाएगा। दस प्रतिशत अतिरिक्त प्रतीक्षा सूची भी बनाई जाएगी।
सिंधी साहित्य अकादमी के निदेशक राजेश वाधवानी ने इस बार सिंधु दर्शन यात्रियों को पूर्व घोषित 25 हजार रुपए देने की उम्मीद जताई है। उन्होंने बताया कि सिंधु दर्शन यात्रा को लेकर धर्मस्व विभाग से जानकारी मांगी गई है। इस बार जून में होने वाली सिंधु दर्शन यात्रा के यात्रियों को पूर्व में की गई अनुदान की घोषणा का लाभ मिलने की उम्मीद है।
सिंधु नदी के दर्शन का महत्व
सिंधी समाज के लिए सिंधु नदी बहुत पवित्र है जिसके दर्शन करना खास अवसर माना जाता है। सिंधु दर्शन यात्रा महोत्सव जून में होता है। सिंधु यात्रा समिति दिल्ली यह कार्यक्रम आयोजित करती आ रही है। कुछ साल से भारतीय सिंधु सभा भी यात्रा का आयोजन करने लगी है। सिंधी समाज के लिए सिंधु नदी की पूजा का महत्व है। हर सिंधी जीवन में सिंधु तट पर जलदेव की पूजा अर्चना करना चाहता है।