पहले मन में जो भी विचार आते थे उसे कागज पर लिख लेती थी
अपूर्वा का कहना है कि मैं मूलत: सतना की रहने वाली हूं। 2014 में मुझे कॉलेज के एक फेस्टिवल के लिए कुछ लिखने को कहा गया। मुझे लगा कि सिर्फ कविता में ही मैं बेहतर कर सकती हूं। पहले मन में जो भी विचार आते थे उसे कागज पर लिख लेती थी, लेकिन कभी ये नहीं सोचा था कि कवयित्री बनकर कविता पाठ करना है। जब मंच से कविता प्रस्तुत की तो मुझे कहा गया कि मैं अच्छा लिखने के साथ अच्छा प्रस्तुतिकरण भी करती हूं। इसके बाद कॉलेज में एक बड़ा इवेंट होस्ट करने को मिला, यहां भी खूब तारीफ हुई तो मैंने सोच लिया कि अब कविता पाठ ही करना है।
शृंगार और वीर रस की कविताएं लिखती हूं
अपूर्वा ने बताया कि मैंने सतना में अटल बिहारी वाजपेयी को शृंद्धाजंलि अर्पित करने के लिए के लिए सतना में एक शो का आयोजन किया गया था। यह मेरी पहली स्टेज परफॉर्मेंस थी। इसके बाद तो मैं लगातार शो करती रही हूं। मैं वर्तमान में नगर निगम मुरैना में पदस्थ हूं। नौकरी के दौरान भोपाल में चार वर्ष तक रही। यहां आकर मैंने लेखन की हर विधा सीखी। गजलें और गीतों का प्रस्तुतिकरण सीखा। जब भी समय मिलता था मैं गोष्ठियों में जाया करती थी। साथ ही दूरदर्शन में भी एंकरिंग करती थी। मैं एक्टर -कवि शैलेष लोढ़ा के शो वाह भाई वाह में 4 बार शामिल होकर कविता पाठ कर चुकी हूं। मुझे दो बार कुमार विश्वास के साथ भी शो करने का ऑफर मिलता था, लेकिन अंतिम समय में शामिल नहीं हो पाई। मैं शृंगार रस और वीर रस की कविताओं के साथ गजलें भी लिखती हूं। प्रेम पर शायरी लिखना भी पसंद है।