आपको बता दें कि, नरेंद्र मोदी का जन्म 17 सितंबर 1950 को गुजरात के वड़नगर में हुआ था। परिवार में वे 6 भाई बहन हैं। 8 साल की उम्र में ही वे राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़ गए थे। 1965 का साल इस मामले में उल्लेखनीय है कि, भारत पाकिस्तान जंग में 15 साल की उम्र में वे मेहसाना स्टेशन पर जवानों को चाय पिलाते थे। इसके बाद 1972 में 22 साल की उम्र में नरेंद्र मोदी संघ प्रचारक बन चुके थे। आज देशभर में उनका 72वां जन्मदिन मनाया जा रहा है। आज का दिन इस लिए भी खास है क्योंकि, आज 70 साल बाद भारत में चीते वापस आए हैं। इन 8 चीतों का जोड़ा मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में पीएम मोदी द्वारा ही छोड़े गए हैं।
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ऐसा रहा शुरुआती सफर
साधारण परिवार में जन्में नरेंद्र दामोदर दास मोदी का जीवन देशवासियों के लिए एक बड़ा उदाहरण है। उन्होने राजनीति विज्ञान में पढ़ाई की। दशकों तक संघ के एक साधारण कार्यकर्ता, फिर पदाधिकारी के रूप में संगठन के लिए समर्पित हो गए। जब वो संघ के प्रचारक थे तो उन्हें गुजरात में हर जगह घूमना पड़ता था। उस दौर में वहां कांग्रेस सरकार थी और संघ लोगों के बीच स्थान बनाने के लिए संघर्षरत था। इसमें नरेंद्र मोदी का विशेष योगदान है। 6 अप्रैल 1980 को बीजेपी का गठन हुआ। बीजेपी ने राम मंदिर, समान नागरिक संहिता, धारा 370 की समाप्ति जैसे मुद्दों को एजेंडा बनाया और इसी को लेकर 1984 में चुनाव भी लड़ा। उसे दो लोकसभा सीटें मिली और इसके बाद धीरे धीरे देशभर में बीजेपी का क्षेत्र बढ़ता गया। नरेंद्र मोदी जब गुजरात की भाजपा इकाई में शामिल हुए तो माना गया कि पार्टी को संघ के अनुभव का सीधा लाभ होगा। 1986 में पहली बार अहमदाबाद नगर निगम में बीजेपी को सत्ता मिली और इसमें नरेंद्र मोदी ने अहम भूमिका निभाई।
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राजनीतिक सफर
1988-89 में मोदी भाजपा की गुजरात इकाई के महासचिव चुने गए। 1990 में लाल कृष्ण आडवाणी की सोमनाथ-अयोध्या रथ यात्रा के आयोजन में उनकी अहम भूमिका रही। इसके बाद वो भाजपा के कई राज्यों के प्रभारी बने। 1995 में उन्हें बीजेपी का राष्ट्रीय सचिव और पांच राज्यों के पार्टी प्रभारी बने। साथ ही, 1998 में उन्हें संगठन का महासचिव बनाया। इसके बाद साल 2001 में केशुभाई पटेल को मुख्यमंत्री पद से हटाए जामे के बाद 7 अक्टूबर 2001 को 51 साल की उम्र में विधायक बनने के साथ साथ राज्य के 14वें मुख्यमंत्री बने। इसके चार महीने बाद फरवरी 2002 में वे राजकोट-2 विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में पहली बार विधायक चुने गए। वे साल 2001 से लेकर 2014 तक साढ़े 12 साल के लंबे समय तक गुजरात के मुख्यमंत्री रहे। साल 2014 में 64 साल की उम्र में वो लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार बने। 26 मई 2014 को वे भारत के 18वें प्रधानमंत्री बने। 69 साल की उम्र में वो एक बार फिर प्रधानमंत्री बने। अपनी राजनीतिक यात्रा में 14 साल वो गुजरात के मुख्यमंत्री रहे और पिछले 8 साल से प्रधानमंत्री हैं। इसकी के साथ उनकी एक बड़ी उपलब्धि ये भी है कि, वो पहले भाजपाई भी हैं, जो जो इतने लंबे समय से प्रधानमंत्री पद पर हैं।