भारत के सीमावर्ती इलाकों पर विदेशी सेनाओं की गतिविधियों को लेकर भारत अलर्ट मोड में है। पूर्वी लद्दाख में सैन्य गतिविधियों और यूक्रेन रूस युद्ध को लेकर भी भारत टेंशन में है। इसे लेकर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 1 अप्रैल को भोपाल में रहेंगे। वे चीफ आफ डिफेंस सहित देश की तीनों सेनाओं के अध्यक्ष से संवाद करेंगे। इस अहम बैठक में कोई बड़ा फैसला लिया जा सकता है। देश की सीमाओं पर जवानों की सतर्कता और तैयारी पर भी चर्चा हो सकती है।
भोपाल में होने वाली इस हाईप्रोफाइल बैठक को लेकर भारत की खुफिया एजेंसिया भी अलर्ट हो गई हैं। पैरामिलिट्री फोर्स के हजारों जवान भी भोपाल पहुंचने वाले हैं। इस दिन जमीन से लेकर आसमान तक सेना अलर्ट मोड में रहेंगी। दो दिनों के लिए भोपाल नो फ्लाइंग जोन रहेगा।
पहली बार होगी हाईलेवल बैठक
एक अप्रैल को पूरे भारत की निगाह भोपाल पर लगी रहेंगी। देश की सुरक्षा से जुड़ी तीनों सेनाओं के अध्यक्षों के साथ पीएम मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ होने वाली बैठक पहली बार भोपाल में हो रही है। इस हाईलेवल बैठक में और भी अधिक क्या होता है यह तो बैठक के बाद ही पता चलेगा, लेकिन देश की सुरक्षा से लेकर गुप्तचर एजेंसियों ने भोपाल में डेरा डाल लिया है।
31 को आएंगे रक्षा मंत्री एवं सेना अध्यक्ष
खबर है कि देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 31 मार्च को भोपाल पहुंच जाएंगे। वहीं तीनों सेना के अध्यक्ष भी इसी दिन भोपाल पहुंच जाएंगे। पीएम मोदी 1 अप्रैल को भोपाल लैंड करेंगे। इससे पहले पीएम मोदी के दौरे को लेकर एक दिन पहले रिहर्सल की जाएगी। पीएम मोदी और सेना से जुड़े मसले होने के कारण कई कार्यक्रमों को फिलहाल गुप्त रखा गया है।
24 अप्रैल को भी आएंगे पीएम
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मध्यप्रदेश के लिए यह सौभाग्य है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर सभी बड़े दिग्गज भोपाल आ रहे हैं। पीएम मोदी सेना के कार्यक्रम में आ रहे हैं। इसके बाद एक बार फिर 24 अप्रैल को फिर जनता के कार्यक्रम में शामिल होने भोपाल आएंगे। इनके अलावा मोहन भागवत भी 31 मार्च को भोपाल में रहेंगे, वे सिंधी समाज की ओर से लाल परेड मैदान में आयोजित समारोह में भाग लेंगे। इनसे पहले भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा भी भोपाल आएंगे और भाजपा के कार्यालय का शिलान्यास करेंगे।