ये भी पढ़ें: सट्टा चला रहे भाजपा नेता और बेटे सहित 6 गिरफ्तार , कॉल डिटेल से खुला बड़ा राज ! फलोदी सट्टा बाजार ने आकड़े बदले
राजस्थान के फलोदी सट्टा बाजार के मुताबिक मध्यप्रदेश (madhya pradesh) में भाजपा को कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। यहां की कई सीटों पर भाजापा-कांग्रेस में कांटे की टक्कर बताई जा रहा है। इन सीटों के बारे में कुछ भी कहा नहीं जा सकता है कि कौन जीतेगा। अप्रेल महीने में में फलोदी सट्टा बाजार मध्य प्रदेश में कांग्रेस को जबर्दस्त बढ़त बता रहा था।
उस दौरान इनका कहना था कि एमपी में भाजापा को 24 सीटें और कांग्रेस को 5 सीटें मिल सकती हैं लेकिन प्रदेश में चार चरणों की वोटिंग के बाद फलोदी सट्टा बाजार ने अपने आकड़े बदल दिए। उन्होंने कांग्रेस की सीटें कुछ कम कर दी हैं, इसके बाद भी बीजेपी की टेंशन बरकरार है। वहीं अब मध्यप्रदेश में चार चरणों में मतदान पूरा होने के बाद फलोदी सट्टा बाजार ने आकड़े पेश किए हैं।
Phalodi Satta Market: फलोदी के बाद इंदौर सट्टा बाजार ने पलटा गेम, कई दिग्गज नहीं बचा पा रहे सीट एक सीट में हो सकता है नुकसान (Phalodi Satta Bazaar guess)
फलोदी सट्टा बाजार के मुताबिक भारतीय जनता पार्टी को मध्यप्रदेश में इस बार 29 में से 27 सीटें मिल सकती हैं। वहीं कांग्रेस को दो सीटें मिल सकती हैं। फलोदी सट्टा बाजार जहां कांग्रेस को पिछले लोकसभा चुनाव के मुकाबले 1 सीट का फायदा बता रहा है वहीं क्लीन स्वीप का दावा कर रही बीजेपी को एक सीट के नुकसान का अनुमान है। सट्टा बाजार के अनुसार मुरैना, मंडला, ग्वालियर, झाबुआ, छिंदवाड़ा और राजगढ़ लोकसभा सीटों पर जबर्दस्त मुकाबला है। यहां बीजेपी या कांग्रेस में से किसी का भी उम्मीदवार जीत सकता है।
पहले भी कर चुके हैं भविष्यवाणी
इससे पहले विधान सभा चुनावों में भी फलोदी सट्टा बाजार में बिल्कुल सही अनुमान लगाया गया था। सट्टा बाजार में पहले ही बता दिया गया था कि मध्यप्रदेश में पांचवी बार बीजेपी की सरकार बनने जा रही है। बीजेपी को पूर्ण बहुमत को मिल सकती है। बाद में ऐसा ही हुआ था।
क्या है फलोदी सट्टा बाजार
फलोदी राजस्थान का एक जिला है जहां देशभर के राज्यों में होने वाले चुनावों को लेकर सट्टा लगता है। कहा यह भी जाता है कि यहां का आंकलन बिल्कुल सटीक होता है। इस कारण से फलोदी का सट्टा बाजार देश और दुनिया में हमेशा से ही सुर्खियों में रहता है। नोटः यहां पर दी गई जानकारी अखबार, मीडिया रिपोर्ट्स और सट्टा बाजारों के जानकारों के माध्यम से दी गई है। हमारा उद्देश्य सट्टा को किसी भी प्रकार से प्रोत्साहन करना नहीं है।