विशेष तैयारी और प्रस्तुति
बाबा वटेश्वर कीर्तन समिति की टीम 8 जनवरी को दो बसों से अयोध्या के लिए रवाना होगी। इस टीम में झांझ, मंजीरा, नगाड़ा, ढोल, डमरू और घुंघरू बजाने वाले सदस्य शामिल हैं। समिति के अध्यक्ष अर्जुन सोनी ने बताया कि इस बार के प्रदर्शन के लिए ढोल, डमरू और अन्य वाद्ययंत्र विशेष रूप से नए खरीदे गए हैं। कलाकारों ने इसके लिए खास प्रैक्टिस की है। इस टीम में 13 से 40 वर्ष की आयु के सदस्य शामिल हैं। डॉक्टर, इंजीनियर और अन्य क्षेत्रों से जुड़े लोग भी इस समिति का हिस्सा हैं। अध्यक्ष अर्जुन सोनी ने कहा, “श्रीराम की जन्मभूमि पर प्रस्तुति देने का यह आमंत्रण हमारे लिए गर्व का विषय है।” साल 2025 में मोहन सरकार की पहली कैबिनेट बैठक, लिए गए कई महत्वपूर्ण फैसले पिछले साल का प्रदर्शन
22 जनवरी 2024 को हुए भव्य प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम में इस समिति ने रामघाट, नागेश्वर मंदिर, अयोध्या में अपनी प्रस्तुति दी थी। इस दौरान हिमालय से लाई गई श्रृंगी, डमरू, मृदंग, ढोल, झांझ और घुंघरू जैसे वाद्ययंत्रों का उपयोग कर भव्य प्रदर्शन किया गया था। श्रद्धालु और दर्शक इनकी भक्ति-संगीत प्रस्तुति से अभिभूत हो गए थे।
एमपी के 1295 गांवों में बनेंगी चकाचक सड़कें, 5 चरणों में होगा काम कीर्तन समिति की विशेषताएं
भोपाल की बाबा वटेश्वर कीर्तन समिति में 2600 से अधिक सदस्य हैं। इनमें से अधिकांश सदस्य विद्यार्थी हैं, जो मैनेजमेंट, मेडिकल या अन्य कोर्स कर रहे हैं। इस समिति ने वाराणसी और उज्जैन के महाकाल मंदिर में भी कई बार अपनी भक्ति-पूर्ण प्रस्तुतियां दी हैं। अर्जुन सोनी अपनी डमरू टीम को लेकर हमेशा चर्चा में रहते हैं।