इंदौर पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन के अनुसार, यह पहला मौका है जब देश का सबसे मंहगा पेट्रोल-डीजल मध्यप्रदेश में बिक रहा है। केन्द्र सरकार ने बजट में पेट्रोल और डीजल पर सेस और एक्साइज ड्यूटी में एक-एक रुपए की वृद्धि की थी उसके बाद प्रदेश सरकार ने भी दो रुपए प्रति लीटर ड्यूटी शुल्क बढ़ा दिया था। जनता पर मंहगाई का और बोझ डालते हुए पेट्रोल और डीजल पर अब पांच फीसदी वैट बढ़ा दिया गया है जिस कारण पेट्रोल और डीजल के दामों में वृद्धि हो गई है।
राज्य | पेट्रोल | डीजल |
मध्यप्रदेश | 81.60 रुपए | 72.89 रुपए |
छत्तीसगढ़ | 74.11 रुपए | 72.15 रुपए |
राजस्थान | 77.24 रुपए | 71.73 रुपए |
महाराष्ट्र | 79.33 रुपए | 69.58 रुपए |
दिल्ली | 73.35 रुपए | 66.53 रुपए |
उत्तरप्रदेश | 74.87 रुपए | 66.70 रुपए |
गुजरात | 70.69 रुपए | 69.57 रुपए |
प्रदेश में बाढ़ प्रभावितों की मदद देने के लिए पेट्रोल, डीजल और शराब पर पांच फीसदी वैट बढ़ा दिया। इस बढ़ोत्तरी से सरकार को 225 करोड़ रुपए हर माह मिलेंगे। केन्द्री बजट के समय जुलाई में केन्द्र के बाद राज्य सरकार ने भी पेट्रोल-डीजल पर दो-दो रुपए का अतिरिक्त कर लगाया था।
पेट्रोल में पहले 28 फीसदी वैट था अब 33 फीसदी हो गया है। वहीं, डीजल में 18 फीसदी से 23 फीसदी हो गया है। जबकि शराब पर 5 से बढ़कर 10 फीसदी वैट हो गया है। पेट्रोल 2.91 रुपए बढ़ा है। अब पेट्रोल 81.15 रुपए और डीजल में 2.86 रुपए बढ़ा जिस कारण अब प्रदेश में डीजल की कीमत 72.51 रुपए हो गया है। भोपाल में पेट्रोल 2.91 रु. और डीजल 2.86 रु./ लीटर रु. महंगा हो गया है। वहीं, इंदौर में पेट्रोल 3.26 रु. और डीजल 3.14 रुपए प्रति लीटर महंगा हो गया है।
वैट बढ़ने के बाद भाजपा ने कमलनाथ सरकार पर हमला बोला है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने कहा- अब पेट्रोल-डीजल पर वैट बढ़ाकर कांग्रेस की सरकार ने यह साबित कर दिया है कि उसके लिए चुनावी वचनपत्र जनता को ठगने के लिए तैयार किया गया झूठ का पुलिंदा था। कांग्रेस ने यह भी साबित कर दिया है कि उसकी नजर में जनता से किए गए वादों की कोई कीमत नहीं है।