रिटायर कर्नल डॉ. आलोक कुलश्रेष्ठ ने बताई ठगी की दर्दनाक स्टोरी…।
रूपेश मिश्रा patrika raksha kavach: साइबर ठगों के पैंतरों के सामने पढ़े-लिखे और समझदार लोग भी हार रहे हैं। अधिकांश सीबीआइ-ईडी, आयकर विभाग के अफसर बनकर डिजिटल अरेस्ट के नाम पर लोगों के खाते खाली किए जा रहे हैं। वहीं, कई बार ज्यादा मुनाफा के फेर में लोगों की जीवनभर की कमाई लूटी जा रही है। ऐसा ही मामला भोपाल के रिटायर्ड कर्नल डॉ. आलोक कुलश्रेष्ठ के साथ हुआ। शेयर बाजार में निवेश के लिए मुफ्त ट्रेनिंग का झांसा देकर 1.77 करोड़ रुपए ठग लिए।
‘पत्रिका’ ने रिटायर्ड कर्नल से ठगों के पैंतरे जानने का प्रयास किया तो साफ हुआ कि थोड़ी-सी चूक ने उन्हें लुटेरों के चंगुल में फंसा दिया। उनकी जुबानी ही पढि़ए ठगी की पूरी कहानी।
जीवन में मुफ्त में कुछ नहीं मिलता
जीवन में कुछ भी मुफ्त में नहीं मिलता, कीमत चुकानी होती है। मैंने भी चुकाई। ठगों ने मुफ्त में शेयर बाजार की ट्रेनिंग देने की बात कही, मैं झांसे में आ गया। जीवन के ढलते पड़ाव पर जब ज्यादा आर्थिक मजबूती की जरूरत थी, तब 1.77 करोड़ लुटा बैठा। रिटायरमेंट का पैसा गया, बचत पूंजी चली गई। झटके में सब बिखर गया। आपको जागरूक करना चाहता हूं, ताकि किसी और के साथ ऐसा न हो।
डॉ. आलोक कुलश्रेष्ठ, रिटायर कर्नल
पीड़ित की कहानी, उनकी ही जुबानी…
मैं रिटायर होकर बेफिक्र था। बच्चे अपने पैरों पर खड़े हैं, इसलिए अपनी ऊर्जा समाज के लिए सकारात्मक कार्यों में लगाना चाहता था। वक्त बहुत था, इसलिए शौकिया शेयर बाजार की दुनिया सीखना चाहता था। यूट्यूब पर इससे जुड़े वीडियो देखता और अपनी समझ से शेयरों में छोटे-मोटे निवेश करता था। 8 जुलाई 2024 का दिन था। फोन की घंटी बजी। अनजान नंबर से किसी शालिनी त्रिवेदी ने कहा, आप शेयर बाजार में अच्छा कर रहे हैं, एक्सपर्ट की क्लास लेंगे तो और बेहतर करेंगे। मैं प्रभावित हुआ। ट्रेनिंग के पैसे पूछे तो बोली-मुफ्त है। मैं तैयार हो गया। अगले दिन से ट्रेनिंग शुरू हुई। देशभर से 80 लोगों का ग्रुप वीडियो कॉल पर ट्रेनिंग ले रहा था। ट्रेनिंग देने वाले का चेहरा नहीं था। कभी घरेलू काम से यदि मैं कक्षा मिस कर देता तो शालिनी फोन लगाकर कहती थी कि आप बहुत अच्छा कर रहे हैं, लेकिन क्लास मत छोडि़ए। मुझे सही-गलत का पता नहीं चल रहा था।
पहले दो लाख से निवेश शुरू हुआ। अच्छा मुनाफा मिला। निवेश और मुनाफा मिलाकर रकम 35 लाख हो गई। जब मैंने पैसे निकालने की बात कही तो उन्होंने और पैसा लगाने को कहा। जब कहा- पैसे खत्म हो गए तो ठग लोन देने को तैयार हो गए। मैंने 30 लाख लोन लिए और शेयर बाजार में लगाया। लोन से पहले एफडी व जमा पूंजी 1.77 करोड़ रुपए ठगों के निजी खाते में डाले थे। जब जरूरत हुई और रुपए निकालने की कोशिश की तो ठग आनाकानी करने लगे। कई चार्ज और मेंबरशिप फीस मांगने लगे। तब मुझे यकीन हो गया कि मैं सब गंवा चुका हूं।
अनजान कॉल आया तो बताया, ठगी हो गई
अगस्त की शुरुआत में मुझे अनजान कॉल आया। जलगांव से आए कॉल पर कहा, आपसे ठगी हुई है। यह सुनते ही सपने बिखर गए। डर गया कि जीवन कैसे गुजरेगा। ट्रेनिंग में वीडियो कॉल पर 80 का ग्रुप था। उसी से एक ने यह बताया। उसके भाई से भी ठगी हुई। साइबर क्राइम के हेल्पलाइन नंबर 1930 व थाने में शिकायत की।
कर्नल के संदेश से सीखिए और ठगों से बचिए
0-किसी से मिले बिना ऑनलाइन निवेश न करें। 0-निवेश से पहले उनका हेल्पलाइन नंबर, ऐप की सत्यता परखें। 0-कोई निजी खाते में पैसे का निवेश कराए तो सावधान हो जाएं।
0-अनजान व्यक्ति यदि कोई बहुत प्यार से बात करे तो समझें यह खतरे की घंटी। दुबई से निकाले पैसे: पुलिस को पता चला, कर्नल के खाते से सैकड़ों खाते में गए। दुबई से पैसे निकाले। पुलिस ने 30 लाख फ्रीज किए।
पत्रिका रक्षा कवच हेल्पलाइन 9116623401
इस हेल्पलाइन पर अपने आसपास हो रहे अपराध, उन पर अंकुश लगाने के सुझाव, अपराध कम करने के लिए आपकी ओर से चलाई जा रही गतिविधियां बताएं। सोमवार से शनिवार सुबह 10 से शाम 5 बजे तक संपर्क कर सकते हैं।