पत्रिका रक्षा कवच अभियान के तहत पत्रिका की ओर से सोमवार को
भोपाल के सुभाष एक्सीलेंस हायरसेकंडरी स्कूल में साइबर सुरक्षा पर सेमिनार का आयोजन किया, जिसमें साइबर एक्सपर्ट ने ठगी से बचने के उपाय बताए। एक पहल इंडिया से जुड़े साइबर विशेषज्ञों ने युवाओं को साइबर क्राइम से बचने के लिए जागरूक किया। इस दौरान स्कूल की शिक्षक अर्पणा नारोलिया ने भी छात्रों को साइबर क्राइम से बचने के उपाय बताए।
कार्यक्रम के दौरान विशेषज्ञों ने छात्रों को साइबर खतरों की पहचान, सुरक्षित इंटरनेट उपयोग, मजबूत पासवर्ड बनाने और साइबर अपराधों की रिपोर्टिंग के तरीकों की जानकारी दी। यह पहल न केवल छात्रों को सुरक्षित डिजिटल नागरिक बनने में मदद करती है, बल्कि उन्हें साइबर अपराधों का शिकार होने से भी बचाती है।
विद्यार्थियों ने ली शपथ
इस दौरान 12वीं कक्षा में पढऩे वाले सभी विद्यार्थियों को शपथ भी दिलाई गई, कि वे साइबर क्राइम को रोकने के लिए पत्रिका के इस अभियान में शामिल होंगे और वे अपने अभिभावक आसपास के लोगों को भी जागरुक करेंगे।
एआइ ने बदले साइबर ठगी के तरीके
छात्रों को बताया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) ने साइबर ठगी के नए तरीकों को जन्म दिया है। इसके जरिए अब ठग आपकी आवाज में रिश्तेदार या दोस्तों को कॉल करते हैं व उनसे पैसे की डिमांड करते हैं। ऐसे में बच्चों को माता-पिता का पहले से ही आगाह करने की आवश्यकता है। साइबर क्राइम के बारे में सुना था, लेकिन किस तरह होता है और इससे कैसे बचा जा सकता है। यह पत्रिका के इस अभियान के माध्यम से ज्ञात हुआ। यह जानकारी मैं घर और दोस्तों से भी साझा करूंगी।
-आदर्श त्रिपाठी, कक्षा 12वी
साइबर क्राइम के बारे में रोज पढ़ते हैं, लेकिन इतनी गहराई से जानकारी आज मिली है। ऐसे जागरूकता कार्यक्रम होते रहने चाहिए ताकि हम तकनीकी तौर पर इन्हें अच्छे समझकर कर साइबर क्राइम से बच सकें।
-निखिल कुमार पांडे, कक्षा 12वी
यह है समाधान
फाइनेंशियल फ्रॉड होने पर तुरंत साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करें। साइबर क्राइम वेबसाइट पर अपनी रिपोर्ट दर्ज करवाएं। नजदीकी पुलिस स्टेशन जाएं। पब्लिक प्लेस पर चार्जिंग प्वाइंट का इस्तेमाल करने से बचें। हर जिले में साइबर थाना है वहां अपनी रिपोर्ट दर्ज करवाएं।