भारत का दिल कहे जाने वाले प्रदेश में पचमढ़ी की वादियां भी किसी हिमाचल और उत्तराखंड से कम नहीं है। यहां भी मौसम आपको ठंडा मिलेगा और मानसून में भी बादलों से घिरे यहां के पहाड़ आपको आकर्षित करेंगे। होशंगाबाद जिले में स्थित पचमढ़ी सतपुड़ा के पहाड़ों के बीच स्थित है और यहां हर मौसम में जाया जाता है। गर्मी में तो यहां का तापमान बाकी जिलों से 6-7 डिग्री कम ही रहता है।
इन स्थानों पर जरूर जाएं
पचमढ़ी में वैसे कई पर्यटन स्थल हैं, लेकिन हम कुछ चुनिंदा स्थलों के बारे में बता रहे हैं जहां आपको जरूर जाना चाहिए।
बी फॉल है प्रमुख आकर्षण
बी फॉल पचमढ़ी का सबसे खूबसूरत जलप्रपात है। जो भी पचमढ़ी जाता है, उसे यहां जरूर जाना चाहिए। यह स्थान पहाड़ों और जंगल से घिरे प्राकृतिक वातावरण के बीच में है। 35 मीटर ऊंचाई से पानी गिरता है, पर्यटक इसमें नहाने का भी लुत्फ ले सकते हैं। यहां का पानी काफी ठंडा होता है, जो गर्मियों में काफी सुकून देता है। इस स्थान पर अधिक चट्टानें होने के कारण यहां किसी दुर्घटना से भी सतर्क रहना चाहिए।
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अप्सरा व रजत वाटर फॉल
बी फॉल के अलावा यहां अन्य वॉटर फॉल भी हैं, जहां लोग जाना चाहते हैं। इनमें से अप्सरा और रजत वाटर फॉल भी हैं। पहाड़ों पर बिखरी हरियाली के बीच से इस झरने की सफेद धार पर्यटकों को लुभाती है। यह चांदी की तरह चमकती नजर आती है, इसलिए इसे रजत वाटर फॉल भी कहा जाता है।
प्रियदर्शनी प्वाइंट
हरिभरी वादियों में प्रियदर्शिनी प्वाइंट भी पर्यटकों को इसलिए आकर्षित करता है, क्योंकि इस स्थान से चौरागढ़ पहाड़ का आकर्षक नजारा दिखता है। यहां से दूरबीन से चौरागढ़ महादेव मंदिर भी दिखाया जाता है। प्रियदर्शिनी प्वाइंट के नीचे गहरी खाई भी देखने लायक है। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के बचपन के नाम पर इस स्थान का नाम रखा गया था।
राजेंद्रगिरी सनसेट प्वाइंट
यहां आने वाले पर्यटक राजेंद्र गिरी सनसेट प्वाइंट भी जाते हैं। प्रथम राष्ट्रपति डा. राजेंद्र प्रसाद के नाम पर इस स्थान का नाम रखा गया है। वे जब यहां आए थे तो उन्होंने यहां पौधा रौपा था, जो अब बड़ा वृक्ष बन गया है। यहीं पर उनकी एक प्रतिमा भी लगाई गई है। इस स्थान से डूबते सूरज का आकर्षक नजारा लोग कैमरे में जरूर कैद करते हैं।
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हांडी खोह
कोई पचमढ़ी आए और हांडी खोह नहीं आए, ऐसा संभव नहीं है। प्राकृतिक वातावरण में आते ही शरीर में एक सिहरन दौड़ जाती है। पहाड़ों के बीच 300 मीटर लंबी इस खाई को देख हर कोई ठहर-सा जाता है। इस स्थान का धार्मिक महत्व भी बताया जाता है। यहां भगवान शिव और एक राक्षस के बीच युद्ध हुआ था। इसके अलावा एक और मान्यता है कि हांडी नाम का कोई अंग्रेज इस स्थान से गिर गया था। इस स्थान को कुछ लोग सुसाइड प्वाइंट भी कहते हैं।
बच्चों के लिए जरूर आएं पचमढ़ी लेक
पचमढ़ी में एक शांत और सुकून देने वाली झील भी है। चारों तरफ हरियाली और ठंडी हवा के बीच इस झील में बोटिंग करने बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं। यह स्थान बच्चों को काफी लुभाता है।
कैसे पहुंचे
पचमढ़ी पहुंचने के लिए आप किसी भी शहर से फ्लाइट, ट्रेन, बस या पर्सनल वाहन का प्रयोग कर सकते हैं, जो आसानी से पचमढ़ी पहुंचा सकते हैं।
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ट्रेन से पिपरिया
पचमढ़ी के सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन पिपरिया है। यहां भोपाल, जबलपुर से कई ट्रेनें चलती हैं। नॉन एसी का किराया 150 से 200 रुपए है और एसी का किराया 700 से 1000 के बीच है। पिपरिया स्टेशन से बाहर निकलने के बाद आपको लोकल वाहन से एक घंटे का सफर तय कर पचमढ़ी पहुंचना होगा।
इन ट्रेनों से जा सकते हैं पिपरिया
12191 हजरत निजामुद्दीन जबलपुर श्रीधाम सुपरफास्ट एक्सप्रेस जो भोपाल से रात 2 बजे चलती है और सुबह 5 बजे पिपरिया पहुंचती है।
22187 रानी कमलापति अधारतल इंटरसिटी सुपरफास्ट एक्सप्रेस भोपाल से 5.10 पर चलती है और सुबह 7.40 पर पिपरिया पहुंचती है।
12854 भोपाल दर्ग अमरकंटक सुपरफास्ट एक्सप्रेस शाम 4 बजे भोपाल से निकलती है जो पिपरिया शाम 6.50 पर पिपरिया पहुंचती है।
12061 रानी कमलापति जबलपुर जन शताब्दी एक्सप्रेस शाम 5.40 पर चलती है जो शाम 8.10 पर पिपरिया पहुंचती है।
11272 भोपाल इटारसी विध्यांचल एक्सप्रेस 6.10 पर भोपाल से चलती है और 8.15 पर पिपरिया पहुंचती है।
18233 इंदोर बिलासपुर नर्मदा एक्सप्रेस रात 10 बजे भोपाल से निकलती है जो 1.20 पर पिपरिया पहुंचती है।
बस का सफर
भोपाल से पचमढ़ी की दूरी लगभग 200 किलोमीटर है और पचमढ़ी पहुंचने के लिए करीब 5 घंटे का समय लगता है। यहां से बसों का किराया 300 से 500 रुपए के बीच है।
पर्सनल वाहन/टैक्सी से भी जा सकते हैं
पचमढ़ी के लिए आप पर्सनल वाहन से भी जा सकते हैं। भोपाल से पचमढ़ी आने-जाने और घूमने के लिए 500 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ेगी, जिसका खर्चा 4 से 5 हजार के बीच आएगा।
नजदीकी एयरपोर्ट
पचमढ़ी पहुंचने के लिए नजदीकी एयरपोर्ट भोपाल और जबलपुर है। इन एयरपोर्ट पर लैंड होने के बाद आप बस, टैक्सी या रेल मार्ग से पचमढ़ी के लिए प्रस्थान कर सकते हैं। पचमढ़ी में कोई एयरपोर्ट नहीं है।
कब जा सकते हैं घूमने
पचमढ़ी में प्रतिदिन हजारों की संख्या में सैलानी घूमने आते हैं। वजह है कि वहां का तापमान अन्य जगहों की अपेक्षा 4 से 5 डिग्री सेल्सियस कम होता है। पचमढ़ी की खास बात यह है कि यहां पहुंचने के लिए कोई विशेष मौसम नहीं देखा जाता है। जब मन हो तुरंत जाया जा सकता है। फिर भी गर्मी में यहां काफी ठंडक रहती है, मानसून में हरी-भरी वादियों और सुंदर हो जाती है, इसके अलावा ठंड भी सबसे अधिक पड़ने से पर्यटक बड़ी संख्या में लुत्फ लेते हैं। क्योंकि यहां तापमान जीरो डिग्री तक पहुंच जाता है।
ठहरने के लिए भी हैं आकर्षक होटलें
पहाड़ों और जंगल से घिरे पचमढ़ी में ठहरने के लिए फारेस्ट, पीडब्ल्यूडी और मध्यप्रदेश टूरिज्म विभाग के कॉटेजेस हैं। इसके अलावा निजी होटल्स भी हैं। आप एक हजार रुपए से लेकर 10 हजार रुपए प्रतिदिन के रूप में भी ठहर सकते हैं। आप अपने बजट के मुताबिक सुविधाजनक ठहरने का स्थान ले सकते हैं। इनके लिए ऑनलाइन बुकिंग भी कराई जा सकती है। मध्यप्रदेश टूरिज्म की वेबसाइट है https://tourism.mp.gov.in/
यहां ठहर सकते हैं
होटल श्री कृष्णा
एमपीटी चंपक बंग्लों पचमढ़ी
जैन रेजीडेंसी एन पचमढ़ी
एमपीटी ग्लेन व्यू पचमढ़ी
एमपीटी हाईलेंड पचमढ़ी
एमपीटी क्लब व्यू पचमढ़ी
हिलटोप बंग्लों इन पचमढ़ी
इन बातों का जरूर रखें ध्यान
पचमढ़ी जाने से पहले ट्रेन, फ्लाइट व होटल की बुकिंग करना न भूलें।
पचमढ़ी पहाड़ी क्षेत्र है, इसलिए यहां अधिक उम्र के लोगों को अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहिए।
जरूरी मेडीसिन साथ ले जाना न भूलें।
बच्चों को भी जोखिम वाली जगहों पर खेलने न जाने दें।
जाने से पहले मौसम की जानकारी भी जरूर ले लेना चाहिए।
मौसम के अनुकूल ही कपड़े ले जाएं।
जरूरी सामान जैसे मोबाइल, चार्जर बेग में रखना न भूले।