scriptभाजपा की लहर के सवाल पर उमंग सिंघार बोले- लहर तो महंगाई और बेरोजगारी के खिलाफ है, इसी से भाजपा सरकार उखड़ेगी | Opposition leader umang singhar exclusive interview with patrika madhya pradesh see report | Patrika News
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भाजपा की लहर के सवाल पर उमंग सिंघार बोले- लहर तो महंगाई और बेरोजगारी के खिलाफ है, इसी से भाजपा सरकार उखड़ेगी

umang singhar exclusive interview : मध्य प्रदेश कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार से पत्रिका की खास बातचीत। कई सवालों पर सिंघार ने बड़ी बेबाकी से जवाब दिए। देखें स्पेशल रिपोर्ट..।

भोपालMay 09, 2024 / 03:20 pm

Faiz

umang singhar exclusive interview
विजय चौधरी, भोपाल

आदिवासी इलाकों में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार जी-तोड़ मेहनत करके चुनाव प्रचार कर रहे हैं। हर दिन 25-25 गांवों में जा रहे हैं। खुद प्रत्याशी नहीं है, मगर धार सीट पर ऐसा लग रहा है कि, सिंघार ही मैदान में है। भाजपा को भी लग रहा है कि यहां चुनाव उमंग और उनकी सियासी जमावट से है। यहां की सीट जीतने पर उमंग का पार्टी में कद बढ़ेगा और हारने पर संकट से घिर सकते हैं।
उनके प्रचार को देखने – समझने के लिए पत्रिका मध्य प्रदेश के राज्य संपादक ने उनके साथ कुछ वक्त गुजारा। वे गंधवानी विधानसभा इलाके में टांडा के आसपास के गांवों में मिले। यहीं से वो विधायक भी हैं। गाड़ियों के लंबे काफिले के साथ वे गांवों के युवाओं और महिलाओं से मुखातिब होकर कांग्रेस के न्याय पत्र की बातें समझाते हैं। ग्रामीण उनसे पानी, बिजली जैसी समस्याओं पर बात करते हैं तो वे विधायक निधि से काम करने का वादा करते हैं। कोशिश रहती है कि एक बार में पूरा गांव उनकी बात सुन – समझ ले। इसी प्रचार के बीच उनकी गाड़ी में ही कुछ सवाल – जवाब हुए। पढ़िए, कुछ खास अंश…।
1-पत्रिका : आप कई चुनाव लड़े हैं। लोकसभा भी और विधानसभा भी। इस बार आप मैदान में नहीं हैं, मगर अहम भूमिका में हैं, चुनावों का पारा कितना चढ़ा हुआ है?

सिंघार : देखिए इस चुनाव में देश और जनता का मूड बदला हुआ है। भाजपा ने मोदी लहर की बात की मगर तीन चरणों में देश में कहीं दिखी नहीं। जनता चाहती है कि उनकी समस्याओं पर और जरूरतों पर बात हो, मगर भाजपा ऐसा नहीं कर रही है। महंगाई, बेरोजगारी, किसानों को एमएसपी न्यूनतम समर्थन मूल्य खरीदी गारंटी की बात भाजपा नहीं कर रही है। किसानों की आय दोगुना करने का वादा भी पूरा नहीं किया। किसान संघर्ष कर रहा है। जनता इसी पर गुस्सा है।
2-पत्रिका : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रदेश में लगातार दौरे कर रहे हैं और भाजपा कर रही है कि मोदी लहर है। आपको क्यों नहीं दिख रही है यह लहर ?

सिंघार : प्रधानमंत्री प्रदेश के आदिवासी क्षेत्रों में आए और हिंदू—मुस्लमान की बात करके चले गए। इन इलाकों में आदिवासियों की समस्या पर उन्हें बात करना थी। राम मंदिर चुनाव का मुद्दा नहीं है, भाजपा इसे ही मुद्दा मानकर लहर – लहर कर रही है। वास्तविक मुद्दों से भाजपा दूर है।
3-पत्रिका : आपके हिसाब से आदिवा सियों का सबसे बड़ा मुद्दा क्या है?

सिंघार : पलायन आदिवासियों की सबसे बड़ी समस्या है। धार, झाबुआ, आलीराजपुर, खरगोन, बड़वानी जैसे इलाकों से रोजगार के लिए आदिवासी घर छोड़कर शहरों की ओर जाने को मजबूर हैं। केंद्र में भाजपा की सरकार दस साल से है और प्रदेश में करीब 20 साल हो गए, आखिर पलायन क्यों नहीं रूका? आदिवासी इलाकों में सिंचाई तो छोड़िए पीने का पानी तक नहीं है। जन जीवन मिशन का ढोल कागजी है। गांवों में पानी को तरस रहे हैं। कहीं योजना बंद हो गई, कहीं ठेकेदार भाग गए। यह आदिवासियों के साथ खुलेआम भ्रष्टाचार है।
4-पत्रिका : कांग्रेस के विरासत टैक्स की बड़ी चर्चा है, भाजपा कह रही है कि कांग्रेस सरकार आई तो दो भैंस होने पर एक भैंस सरकार ले जाएगी?

सिंघार : देखिए, भाजपा के पास कोई मुद्दा नहीं है। खाद—बीज तक पर जीएसटी भाजपा ने लगा दिया, किसानों के बच्चों की पढ़ाई पर टैक्स है, आखिर अन्नदाता जीए कैसे? मुख्य मुद्दों से हटकर भाजपा विरासत टैक्स की बातें कर रही हैं।
5-पत्रिका : प्रधानमंत्री राहुल गांधी को शहजादा कहते हैं और राहुल गांधी उन्हें शहंशाह कह रहे हैं। यह कैसा प्रचार है?

सिंघार : राहुल गांधी देश के ऐसा पहला शहजादा मिला है, जिसने पूरे देश को अपने पैरों से नापा है। क्या प्रधानमंत्री ने कभी पैदल यात्रा की है। अगर करते तो उन्हें पता होता कि युवाओं, किसानों और गरीबों की समस्याओं की जानकारी होती। वो शहंशाह हैं क्योंकि बड़े—बड़े प्लेनों में घुमते हैं। अडानी—अंबानी से दोस्ती निभाते हैं।
6-पत्रिका : प्रचार की शुरुआत में आप और प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी साथ में प्रचार कर रहे थे। बाद में आप आदिवासी सीटों पर सिमट गए और ज्यादातर समय आपके गृह क्षेत्र धार में बीता रहे हैं। क्या यह कोई रणनीति है या पार्टी में किसी प्रकार की कसमसाहट है?
सिंघार : ऐसा नहीं है। मैं शहडोल, मंडला, ग्वालियर, भिंड, मुरैना, खरगोन, झाबुआ समेत कई सीटों पर गया हूं। जहां जरूरत लगी वहां मैंने प्रचार किया है। कोई कसमसाहट जैसी बात नहीं है।

7-पत्रिका : तीसरे चरण में नौ सीटों पर चुनाव हुए मगर आपने आठ सीटों पर कांग्रेस को वोट करने की अपील की। विदिशा सीट के कांग्रेस उम्मीदवार को आपने छोड़ दिया। इस सीट से शिवराज सिंह चौहान चुनाव लड़ रहे हैं, क्या आपका उनके प्रति सॉफ्ट कार्नर है?
सिंघार : देखिए, शिवराजजी का किसके प्रति सॉफ्ट कार्नर है, यह तो चुनाव के बाद पता चलेगा। यह भी पता चलेगा कि उन्हें चुनाव में किसने मदद की। मैं स्पष्ट रूप से कहता हूं कि कांग्रेस का सच्चा सिपाही हूं और मैं वही करता हूं जो पार्टी के लिए सही है।
8-पत्रिका : बार – बार आपके भाजपा में जाने की बात सामने आती है, बगैर आग के धुंआ तो निकलता नहीं। हर चुनाव में आपके पास प्रस्ताव आता है। आखरी बार कब प्रस्ताव आया?
सिंघार : चुनाव के मौसम में ये सब बातें चलती रहती हैं। मैं इन बातों पर ध्यान नहीं देता हूं। कांग्रेस के प्रति कटिबद्ध हूं। जो विरासत मुझे कांग्रेस में मिली है, जो सम्मान मिला है, वह हमेशा कायम रखूंगा। प्रलोभन मिलते रहते हैं, मगर मैं उनमें कभी पड़ता नहीं हूं। मैं राजनीति में जनता की सेवा करने आया हूं न कि अपने स्वार्थ के लिए। मैं कभी सांप्रदायिक नहीं हो सकता हूं इस कारण भाजपा में जाने का प्रश्न ही नहीं। मैं सोचता हूं कि जिओ और जीने दो। सबके अधिकार हैं और राजनीति में हमें उनकी रक्षा करना चाहिए।
9-पत्रिका : झाबुआ की सीट पर आपने प्रचार कम किया है जबकि यह धार से लगी हुई सीट है। कोई खास वजह?

सिंघार : मैं झाबुआ भी गया हूं। मैं एक दिन में अपनी गाड़ी से जितना चल पाता हूू, उतना जाता हूं। हर दिन 500 किमी तो गाड़ी से जा नहीं सकते।
10-पत्रिका : एआइसीसी ने प्रदेश कांग्रेस को एक प्लेन दिया है जिससे प्रदेश अध्यक्ष प्रचार कर रहे हैं। दो होते तो आप भी अधिक से अधिक सीटों पर जा सकते थे ?

सिंघार : पार्टी का निर्णय है कि एक राज्य में एक प्लेन। कई बार राष्ट्रीय नेता आते हैं, उन्हें भी देना होता है। गाड़ी से जितना अधिक से अधिक एक दिन में कर सकता हूं, कर रहा हूं। हर दिन कम से कम 25 गांवों में जा रहा हूं। कई बार तो 35—35 गांव एक दिन में हो जाते हैं।
11-पत्रिका : चलते चुनाव में कांग्रेस के तीन विधायक भाजपा में जा चुके हैं। आप नेता प्रतिपक्ष हैं और विधायकों से संपर्क रखना आपक दायित्व है। आप रोकने का प्रयास नहीं कर रहे हैं?
सिंघार : हां, मेरा दायित्व है। सभी विधायकों से बात करते रहता हूं। जो स्वार्थी हो जाए तो उनका क्या कर सकते हैं? जब खुद का फायदा कोई देखने लगता है तो उसे कोई नहीं रोक सकता है। इन लोगों को पार्टी ने सम्मान दिया, मौका दिया। पार्टी ने अपनी ओर से कोई कमी नहीं रखी।
12-पत्रिका : जब चुनाव के बीच में ऐसा होता है तो आपकी पार्टी कमजोर तो होती है। कार्यकर्ताओं का मनोबल टूटता है, इसे बनाए रखने के लिए आप क्या कर रहे हैं ?

सिंघार : विधानसभा चुनाव में हमारी पार्टी में कई नेता वापस लौटे थे। हमें तो अब चिंता भाजपा कार्यकर्ता की हो रही है कि जिन्होंने पार्टी को खड़े करने में जीवन खपा दिया, वही पार्टी अब कांग्रेसमय हो रही है।
13-पत्रिका : इस चुनाव के बाद जाने वाले नेता वापस आना चाहेंगे तो आपका क्या रूख रहेगा ?

सिंघार : मेरा सोचना है कि जो जा चुका है, उसे वापस नहीं लेना चाहिए। कई नेता दूसरी पार्टियों में भी अपने समर्थकों को सेट करके राजनीति करते हैं, ऐसा नहीं होता चाहिए। पार्टी मां समान होती है और उससे राजनीति नहीं करना चाहिए।
14-पत्रिका : पार्टी में सबको एकजुट रखना और नेताओं का मनोबल बनाए रखना, यह जवाबदेही है किसकी?

सिंघार : सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है। प्रदेश अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष के साथ ही पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को मिलकर काम करना चाहिए।
15-पत्रिका : मुख्यमंत्री ने कहा है कि यह लड़ाई भारत माता के सपूत और विदेशी माता के पुत्र के बीच है?

सिंघार : वे लक्की ड्रा वाले मुख्यमंत्री हैं, उन्हें क्या पता भारत मां की सेवा में गांधी परिवार ने कितनी कुर्बानियां दी हैं। राहुल गांधी देश के बेटे हैं, उन्हें हर गरीब, आदिवासी, किसान और युवा प्यार करते हैं।
16-पत्रिका : कांग्रेस के दोनों ही बड़े चेहरे यानी आप और जीतू पटवारी का नाता मालवा—निमाड़ से है। यहां कांग्रेस बहुत कमजोर है। आगे आपकी क्या तैयारी है?

सिंघार : हमारी चर्चा हुई है और चुनाव के बाद विस्तृत काम किया जाएगा। पार्टी को मजबूती देने के लिए हर संभव कोशिश करेंगे।
17-पत्रिका : ज्योतिरादित्य सिंधिया जब कांग्रेस से गए तो आप दोनों ने उनके खिलाफ जमकर बयानबाजी की और घेराबंदी भी की। इस चुनाव में आप दोनों ने इस तरह का रुख नहीं अपनाया, कोई खास वजह?
सिंघार : मेरा मानना है कि इसका जवाब प्रदेश अध्यक्ष से मांगा जाना चाहिए।

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