आयोग ने रविवार को दिल्ली में बैठक की और मंत्री का वीडियो सुनने के साथ कलेक्टर की रिपोर्ट को भी परखा। प्रथम दृष्टया मंत्री के बयान को आईपीसी की धारा 171 सी का दोषी भी माना गया। कलेक्टर तरुण राठी ने जांच रिपोर्ट में पहले तो कोलारस के पडोरा में भाजपा की स्टार प्रचारक सिंधिया की सभा होने से ही इनकार किया। फिर आगे लिखा कि वे वहां गांव के सरदार प्रताप सिंह के बाड़े में कार्यकर्ताओं से बातचीत कर रही थीं। प्रताप सिंह भाजपा कार्यकर्ता हैं। राठी ने कहा, वीडियो क्लिप में व्यक्ति विशेष को धमकाने जैसा तथ्य प्रकट नहीं होता। वे तो वहां लोगों से वोट मांग रहीं थीं।
ये कहा यशोधरा ने …
प्रदेश में हमारी सरकार है, हमारा विधायक नहीं बनाओगे तो न पानी मिलेगा, न ही पिछड़ापन दूर होगा। आप पंजे को वोट दोगे तो हम आपके मकान नहीं बनवाएंगे, गैस का चूल्हा नहीं देंगे। आपने भाजपा प्रत्याशी को चुनाव में नहीं जिताया और कांग्रेस प्रत्याशी को वोट दिया, तब हम लोग आपकी किसी भी समस्या को हल नहीं करेंगे। यहां तक कि आपकी सुनेंगे भी नहीं।
कांग्रेस का आरोप
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव ने आरोप लगाया कि सरकारी अफसर व कर्मचारी चुनाव में भाजपा कार्यकर्ता की तरह काम कर रहे हैं। कलेक्टर पर एक्शन होना चाहिए। तभी यहां निष्पक्ष चुनाव हो पाएगा।